कोर्ट ने आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर पंचायत चुनाव के लिए बंगाल में पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बल तैनात किए जाएं। अदालत ने जोर देकर कहा कि यह संख्या 2013 के पंचायत चुनावों में तैनात की गई संख्या से अधिक होनी चाहिए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को निर्देश देते हुए कहा कि बंगाल पंचायत चुनाव में 24 घंटे के भीतर तैनाती के लिए 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के कर्मियों की मांग की जानी चाहिए। ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका तब लगा है जब सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय बलों को तैनात करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि 24 घंटे के भीतर पंचायत चुनाव के लिए बंगाल में पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बल तैनात किए जाएं। अदालत ने जोर देकर कहा कि यह संख्या 2013 के पंचायत चुनावों में तैनात की गई संख्या से अधिक होनी चाहिए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने पूरे बंगाल में हुई हिंसा पर राज्य चुनाव आयुक्त की खिंचाई की और कहा कि अगर वह दबाव नहीं झेल सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि अगर राज्य चुनाव आयुक्त दबाव नहीं ले सकते, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। महामहिम, राज्यपाल किसी और को नियुक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि आयोग का कोई भी अधिकारी सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुआ। राजस्व मामलों में भी अधिकारी मौजूद रहते हैं। अगर आयोग इतना ही व्यस्त है तो अपना धंधा बंद क्यों नहीं कर देता? हम आवश्यक आदेश पारित करेंगे।
एसईसी ने अदालत को बताया कि आठ जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए अब तक केंद्रीय बलों की छह कंपनियों की मांग की गई है। एसईसी के वकील ने प्रस्तुत किया कि अदालत को जो भी पर्याप्त लगता है, उसके लिए अनुरोध तुरंत केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अदालत ने चेतावनी दी कि आदेश को अव्यवहारिक बनाने के किसी भी प्रयास के प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।
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