पाकुड़। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आयोजित स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण उपायुक्त मनीष कुमार ने किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों की स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया और कार्यक्रम की प्रगति का जायजा लिया। शिविर में उपस्थित मेडिकल टीम ने बच्चों की स्वास्थ्य जांच के उपरांत उन्हें बेहतर खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह दी। साथ ही, बच्चों को नि:शुल्क दवाएं भी प्रदान की गईं।
16 दिसंबर को हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारंभ 16 दिसंबर को उपायुक्त मनीष कुमार के द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों और संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करना और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। इसके तहत 16 से 19 दिसंबर तक विभिन्न विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई।
2726 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
शिविर के दौरान 2726 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जांच में बच्चों की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान की गई। इनमें शामिल हैं:
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- दांत संबंधी समस्याएं: 117
- आंख संबंधी समस्याएं: 45
- कान संबंधी समस्याएं: 9
- त्वचा संबंधी समस्याएं: 39
- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: 146
इन समस्याओं के आधार पर कुल 199 बच्चों को आगे की चिकित्सा सुविधा के लिए रेफर किया गया।
मेडिकल टीम की विशेष भूमिका
शिविर में शामिल मेडिकल टीम ने बच्चों की गहन जांच की और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता प्रदान की। डॉक्टरों ने बच्चों को संतुलित आहार, नियमित सफाई और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जानकारी दी। बच्चों को उनकी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार दवाइयां भी दी गईं।
शिक्षा और स्वास्थ्य का समन्वय
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य न केवल बच्चों की बीमारियों की पहचान करना था, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के बीच समन्वय स्थापित करना भी था। स्वस्थ बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं, और यह कार्यक्रम बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उपायुक्त का दिशा-निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने शिविर की सफलता पर संतोष व्यक्त किया और मेडिकल टीम को उनके प्रयासों के लिए सराहा। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में भी बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए और ऐसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
शिविर का व्यापक प्रभाव
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित इस शिविर ने बच्चों और उनके अभिभावकों को स्वास्थ्य जागरूकता के प्रति प्रोत्साहित किया। शिविर के माध्यम से न केवल बच्चों की बीमारियों की पहचान हुई, बल्कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की गईं।
बच्चों की सेहत को प्राथमिकता
यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस तरह के शिविरों के माध्यम से बच्चों को स्वस्थ भविष्य देने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया जा रहा है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित यह स्वास्थ्य शिविर, बच्चों के समग्र विकास के लिए एक प्रेरणादायक पहल है। ऐसे प्रयास समाज को स्वस्थ और शिक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।