पाकुड़। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत डिस्ट्रिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस पाकुड़ एवं डिस्ट्रिक सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स में सोमवार को स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त मनीष कुमार ने की। शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान स्कूल के 694 बच्चों का स्वास्थ्य जांच किया गया।
मेडिकल टीम ने दी स्वास्थ्य और खान-पान संबंधी सलाह
शिविर के दौरान मेडिकल टीम ने बच्चों का विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके साथ ही बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और संतुलित खान-पान की सलाह दी गई। शिविर में बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार नि:शुल्क दवाइयां भी वितरित की गईं। यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और उन्हें बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
उपायुक्त ने किया कक्षाओं का निरीक्षण
स्वास्थ्य जांच शिविर के साथ-साथ उपायुक्त ने डिस्ट्रिक सीएम गर्ल्स स्कूल में संचालित कक्षाओं का निरीक्षण भी किया। उन्होंने चौथी कक्षा में जाकर अंग्रेजी और गणित विषय का पाठ पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से बातचीत कर उनकी शैक्षणिक प्रगति को समझने की कोशिश की।
विज्ञापन
बच्चों के सवालों के उत्तर पर जताई खुशी
पाठ पढ़ाने के बाद उपायुक्त ने बच्चों से अंग्रेजी विषय से जुड़े सवाल पूछे। बच्चों ने उत्साहपूर्वक इन सवालों के सही उत्तर दिए। बच्चों की इस उत्कृष्ट प्रस्तुति से खुश होकर उपायुक्त ने उनकी सराहना की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने बच्चों को भविष्य में भी इसी प्रकार मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी।
स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर
इस कार्यक्रम के माध्यम से जिला प्रशासन ने यह संदेश दिया कि स्वास्थ्य और शिक्षा बच्चों के विकास के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। शिविर के आयोजन से बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि कक्षाओं का निरीक्षण कर उनकी शैक्षणिक प्रगति को प्रोत्साहित किया गया।
प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. मंटू कुमार टेकरीवाल, विद्यालय के प्रधानाध्यापक और अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इन सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बच्चों के सर्वांगीण विकास की पहल
यह स्वास्थ्य जांच शिविर और शैक्षणिक निरीक्षण जिला प्रशासन की बच्चों के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित यह पहल बच्चों को स्वस्थ और शिक्षित भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।