पाकुड़: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर लोगों को निरोधक दवा उपलब्ध कराई जा रही है। इस अभियान के तहत 10 फरवरी से 25 फरवरी तक जिले भर में विशेष स्वास्थ्य कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों, भीड़भाड़ वाले स्थानों और विद्यालयों को चिन्हित कर वहां विशेष रूप से कैम्प लगाने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की पहल, हर व्यक्ति को दवा देने का लक्ष्य
फाइलेरिया एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो मच्छरों के कारण फैलती है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए जिले में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत, स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक निरोधक दवा पहुंचाना है। विशेषज्ञों के अनुसार, फाइलेरिया की रोकथाम के लिए समय पर दवा का सेवन आवश्यक है। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने शहर और ग्रामीण इलाकों में कैम्पों के माध्यम से लोगों को दवा खिलाने की रणनीति बनाई है।
नगर परिषद क्षेत्र में कैम्प, अधिकारी की मौजूदगी में लोगों ने खाई दवा
नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 16 में विशेष फाइलेरिया निरोधक कैम्प लगाया गया। यहां जन वितरण प्रणाली विक्रेता तौफीक हुसैन के स्थान पर कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें जिला आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह की देखरेख में लोगों को निरोधक दवा दी गई। अधिकारी ने स्थानीय लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए दवा लेने के लिए प्रेरित किया और फाइलेरिया से बचाव के उपायों के बारे में भी जानकारी दी।
प्रखंड स्तर पर भी तेज हुई मुहिम, अधिकारी कर रहे हैं निगरानी
महेशपुर प्रखंड में भी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन की निगरानी में कैम्प का आयोजन किया गया। इसी तरह, प्रखंड विकास पदाधिकारी सिद्धार्थ यादव ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए लोगों को दवा उपलब्ध कराई।
पाकुड़ प्रखंड में भी अभियान को गति दी गई। यहां प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर अल्फ्रेड मुर्मू की उपस्थिति में कई स्थानों पर कैम्प आयोजित किए गए। वहीं, लिट्टीपाड़ा में बीडीओ संजय कुमार, अमड़ापाड़ा में बीडीओ प्रमोद कुमार गुप्ता, और पाकुड़िया में परियोजना निदेशक, आईटीडीए अरूण कुमार एक्का व बीडीओ सोमनाथ बनर्जी की निगरानी में लोगों को दवा दी गई।
स्वास्थ्य विभाग की अपील – सभी लोग जरूर लें फाइलेरिया निरोधक दवा
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से फाइलेरिया की रोकथाम के लिए दवा लेने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है तथा इससे किसी भी प्रकार के हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति इस दवा को नहीं लेता है, तो उसके संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है।
समुदाय की भागीदारी से मिलेगा सफलता
इस अभियान की सफलता के लिए स्थानीय समुदाय और अधिकारियों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। कैम्पों में आमजन को स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा फाइलेरिया के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में जागरूक किया जा रहा है। विभाग का मानना है कि यदि सभी लोग इस दवा का सेवन करें, तो आने वाले वर्षों में फाइलेरिया पूरी तरह समाप्त हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग का यह अभियान जनस्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लगातार हो रहे जागरूकता अभियानों और दवा वितरण कार्यक्रमों से उम्मीद है कि जिले में फाइलेरिया मुक्त समाज बनाने का लक्ष्य जल्द ही पूरा होगा।