Thursday, November 28, 2024
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Health Tips: बॉडी को सही शेप देने के लिए बेहद जरूरी है मैटरनिटी बेल्ट, जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय

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किसी भी महिला को प्रेग्नेंसी के बाद पहले वाले शेप में आने में समय लगता है। वहीं कुछ महिलाओं को पोस्टपार्टम बेली को कम करने में अधिक समय भी लग सकता है। महिलाओं के शरीर में प्रेग्नेंसी और पोस्टपार्टम के दौरान कई बदलाव होते हैं।

डिलीवरी के बाद महिलाओं को डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने की सलाह दी जाती है। महिलाओं के शरीर में प्रेग्नेंसी और पोस्टपार्टम के दौरान कई बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर महिलाएं अपने शरीर का अच्छे से ख्याल नहीं रखती हैं, तो आगे चलकर उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिला के गर्भ में बच्चे का सही से विकास हो, इसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के मसल्स, यूट्स, लिंगामेंट्स और बेली के आस-पास की स्किन स्ट्रेच होने की समस्या होती है। 

किसी भी महिला को प्रेग्नेंसी के बाद पहले वाले शेप में आने में समय लगता है। वहीं कुछ महिलाओं को पोस्टपार्टम बेली को कम करने में अधिक समय भी लग सकता है। बच्चे के जन्म के बाद महिला के पेट लटका हुआ न लगे और बेली के आसपास की मसल्स को सपोर्ट मिल सके। इसके लिए महिलाओं को डिलीवरी के बाद मैटरनिटी बेल्ट पहनना बेहद जरूरी होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए मैटरनिटी बेल्ट पहनना कितना जरूरी होता है। 

डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव

बता दें कि डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान कई हार्मोनल चेंज होते हैं। जिसके कारण यूट्रस अपने नॉर्मल साइज में वापस आ जाता है। वहीं फूले हुए सेल्स और टिश्यूज भी अपनी अपने नॉर्मल पोजिशन में लौटते हैं। जिसके कारण वजाइनल डिस्चार्ज, यूरिन और पसीने के जरिए ज्यादा फ्ल्यूड रिलीज होता है। लेकिन डिलीवरी के बाद किसी भी महिला की बेली को अपने पुराने शेप में आने में समय लगता है। बच्चे के विकास के लिए बेली के इर्द-गिर्द जमा हुए फैट को कम करने में समय लग सकता है।

क्यों जरूरी मैटरनिटी बेल्ट

आपको बता दें कि मैटरनिटी बेल्ट को पोस्टपार्टम बेल्ट भी कहा जाता है। मैटरनिटी बेल्ट नई मां के पेट और कमर के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए डिजाइन की जाती है। जब गर्भावस्था के 9 महीनों में स्ट्रेच मार्क होने की वजह से कमर और पेट मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। डिलीवरी के बाद इन मांसपेशियों को सपोर्ट और आराम देने की जरूरत होती है। मैटरनिटी बेल्ट पेट के आसपास के हिस्से को आराम देने का काम करती है। यह बेल्ट मांसपेशियों का तनाव कम करने के साथ ही तेजी से रिकवरी करती है। 

इसके अलावा डिलीवरी के बाद पेल्विक एरिया में भी होने वाले दर्द और खिंचाव को आराम देती है। इसके अलावा यह अंदरूनी अंगो को ओरिजनल पोजिशन में सेटल करती है। इसको पहनने से न सिर्फ महिलाओं को कॉन्फिडेंस बढ़ता है, बल्कि शरीर भी अपने पुराने शेप में लौट आएगा। 

इन बातों का रखें खास ख्याल

मैटरनिटी बेल्ट को कब और कितनी देर के लिए पहनना चाहिए। इस बारे में जानकारी होना जरूरी होता है। इस बेल्ट को पहनने से कुछ महिलाओं को दर्द, प्रेशर और असुविधा भी हो सकती है। अगर डिलीवरी सी सेक्शन में हुई है, तो बेल्ट के प्रेशर का असर सर्जिकल घावों पर भी हो सकता है। ऐसे में घावों के भर जाने के बाद बेल्ट को पहनना शुरू करना चाहिए। लेकिन इस बेल्ट को पहनने से पहले किसी मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह लेना जरूरी है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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