Saturday, November 23, 2024
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जोशीमठ भू-धंसाव: PMO में उच्चस्तरीय बैठक, पीएम मोदी के प्रमुख सचिव, केंद्र-उत्तराखंड के अफसर हुए शामिल

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जोशीमठ भू धंसाव मामले पर पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा कर रहे हैं। इस बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य भी शामिल हुए। इनके अलावा जोशीमठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक से जुड़े। 

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कई निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से कहा गया कि वे विशेषज्ञों की टीम के जरिए अध्ययन करें और सिफारिशें दें। सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेंगे।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी। पीके मिश्रा को जोशीमठ समीक्षा बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।

इस बीच जोशीमठ की जमीन में दरारें बढ़ती जा रही हैं। आपता प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने स्थिति का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस रिपोर्ट में दरक रहे घरों को तोड़ने की सिफारिश की गई है। जोशीमठ के 25 फीसदी इलाके इस भू धंसाव से प्रभावित बताए जा रहे हैं। इमारतों और अन्य स्ट्रक्चर में नुकसान की तीव्रता का पता लगाने के लिए भी सर्वेक्षण चल रहा है। 

वहीं जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता दी जाए और उनकी संपत्ति का बीमा करवाया जाए। याचिका में आदि शंकराचार्य ने कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को नष्ट होने की आशंका भी जाहिर की है। 

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने हाल ही में जोशीमठ का दौरा किया था और वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया था। वहीं राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत रविवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे। ऐसी खबरें आ रही हैं कि सोमवार को आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी जोशीमठ का दौरा कर सकता है। 

जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या से लोग परेशान हैं, अब खबर आ रही हैं कि उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में भी करीब 50 घरों में दरारें आ गई है। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में मौजूद घरों में यह दरारें आई हैं। इससे इलाके के लोग दहशत में हैं और उन्होंने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। 

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