रांची. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में पिछले 4 दिनों से जमकर हंगामा हो रहा है. विपक्ष जहां राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही तो पक्ष के लोग भी मणिपुर हिंसा को लेकर भाजपा से सवाल कर रहे हैं. इस बीच हमेशा से विवादों में घिरे रहने वाले जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी एक बार फिर से अपने ही बयान में फंस गए हैं. हफ्ते भर पहले ही इरफान अंसारी का निलंबन खत्म हुआ है और निलंबन के बाद उनके एक बयान ने एक बार फिर से कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल खड़ा कर दिया है.
दरअसल, सदन के कार्यवाही के तीसरे दिन जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी ने बाबूलाल मरांडी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “बाबूलाल जी इतना तेज कैसे हो गए समझ में नहीं आता, एक आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है”. सदन में दिए इस बयान ने मिनटों में ही सोशल मीडिया पर आदिवासियों की नजर में इरफान अंसारी को विलेन बना दिया. सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने लगा. इस बीच भाजपा की ओर से ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि “कांग्रेस नेताओं का आदरणीय बाबूलाल मरांडी जी के खिलाफ ‘जातिसूचक’ अनर्गल बयान उनके तुच्छ मानसिकता को दर्शाता है. उनका वक्तव्य कांग्रेस का जनजातीय समाज के प्रति मानसिकता को दर्शाता है”.
इधर, इस पूरे बयान पर बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर कांग्रेस को घेरते हुए लिखा कि “जब आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया तो @INCIndia के अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें “राष्ट्रपत्नी” कहकर अपमानित किया. कांग्रेस के एक और नेता ने उन्हें “evil forces” कहा. अन्य विपक्षियों ने भी महामहिम @rashtrapatibhvn जी को बार-बार यह एहसास कराया कि उन्होंने शोषित-वंचित समाज में जन्म लेकर अपराध किया है. बाबूलाल मरांडी तो गरीब आदिवासी घर में जन्म लेने वाला @BJP4India का एक अदना सा कार्यकर्ता है. अगर गाली देनी है तो बाबूलाल मरांडी को दो, लेकिन कृपा करके मेरे आदिवासी समाज को नीचा मत दिखाओ.
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा, कांग्रेस और उनके सहयोगी मानसिक रूप से संभ्रांत और कुलीनवादी विचारधारा के प्रतिनिधि हैं. इन लोगों ने सदियों से गरीब आदिवासी, दलित, महिला और वंचितों को अपना गुलाम समझा है. विडंबना है कि हमारा समाज सदियों से इन राजाओं-राजकुमारों का कोपभाजन बनता आ रहा है. दुर्भाग्य यह भी है कि सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हमारे आदिवासी समाज के सामंती सोच से ग्रस्त कुछ अयोग्य एक्सीडेंटल उत्तराधिकारी भी उसी नक्शेकदम पर चल रहे हैं”.
इधर, इस ट्वीट और बयानबाजी के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आदिवासी के खिलाफ यह बयान अशोभनीय है, इरफान अंसारी ने किस परिस्थिति में यह बयान दिया है उनसे सवाल किया जाएगा. वहीं, कांग्रेस के सभी विधायकों ने भी एक स्वर में कहा कि इरफान अंसारी का बयान गलत था उनकी जुबान फिसल गई थी, लेकिन बयान के साथ ही उसे स्पंज कर दिया गया था.
इधर, इस बयान के साथ चौथे दिन भी सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ हुई और भाजपा के विधायक इरफान अंसारी को घेरते नजर आए. भाजपा की ओर से पलामू विधायक शशिभूषण मेहता ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि इरफान अंसारी ने आदिवासियों के लिए विवादित बयान दिया था उनकी मानसिकता आदिवासियों के लिए क्या थी, यह दर्शाता है. इरफान अंसारी को कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए.
सदन की कार्यवाही के बीच वेल में बीजेपी के विधायक शशिभूषण मेहता गुस्से में इरफान अंसारी की ओर तेजी से लपकते भी नजर आए. शशिभूषण मेहता ने इरफान अंसारी की ऐसी की तैसी करने की बात बार-बार कही, जिसके विधानसभा अध्यक्ष ने भी यहां तक कह दिया कि ये अखाड़ा नहीं है. हंगामे की बीच इरफान अंसारी ने अपने बयान पर खेद भी व्यक्त किया, पर हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी.
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