कुटुंब न्यायालय में हुआ सौहार्दपूर्ण समझौता
पाकुड़, सितम्बर 2025 – कुटुंब न्यायालय में चल रहे एक वैवाहिक विवाद का अंत आज सौहार्दपूर्ण समझौते के साथ हुआ। मामला भरण-पोषण वाद संख्या 229/2025 से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्रभारी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय शेष नाथ सिंह के समक्ष हुई।
आपसी सुलह की दिशा में पहल
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दंपत्ति को समझाते हुए पारिवारिक संबंधों की अहमियत पर जोर दिया। न्यायालय की पहल और परामर्श के बाद पति-पत्नी ने आपसी मतभेदों को भुलाकर मिलकर रहने का निर्णय लिया।
माला पहनाकर जताई एकता
समझौते के अंतर्गत दोनों पति-पत्नी ने न्यायालय के समक्ष एक-दूसरे को माला पहनाकर यह संदेश दिया कि वे आगे भी सौहार्द और प्रेमपूर्वक जीवन व्यतीत करेंगे। इस भावुक क्षण में मौजूद सभी ने राहत और संतोष की सांस ली।
अधिवक्ताओं की भूमिका रही अहम
समझौता प्रक्रिया में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का भी विशेष योगदान रहा। उन्होंने मामले को संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत करते हुए समाधान की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाई। उनकी उपस्थिति से सुलह की प्रक्रिया और भी सहज बनी।
वैवाहिक विवाद निपटारे का उदाहरण
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि संवाद और समझौता के जरिए किसी भी पारिवारिक विवाद का सकारात्मक समाधान निकाला जा सकता है। न्यायालय द्वारा की गई इस पहल से न केवल पति-पत्नी का घर बचा बल्कि परिवार में सद्भाव और स्थिरता की नई शुरुआत भी हुई।
इस सुलह ने यह साबित कर दिया कि यदि न्यायालय, अधिवक्ता और दंपत्ति तीनों पक्ष एक साथ मिलकर प्रयास करें तो टूटते रिश्तों को भी जोड़ा जा सकता है।