चीन के मकाऊ शहर में हुआ भव्य सम्मान समारोह
पाकुड़ के प्रसिद्ध समाजसेवी लुत्फल हक को समाजसेवा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए ‘आईकॉन ऑफ हिंदुस्तान’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें चीन के मकाऊ शहर में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस विशेष अवसर पर हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर ने अपने हाथों से यह प्रतिष्ठित अवार्ड देकर उन्हें सम्मानित किया।
समारोह में देश की नामचीन हस्तियों की रही उपस्थिति
इस सम्मान समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग तीन दर्जन प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हुई थीं। इनमें लुत्फल हक का नाम प्रमुख रूप से शामिल किया गया था। लुत्फल हक की समाजसेवा के प्रति निस्वार्थ सेवा भावना, दयालुता और प्रतिबद्धता के कारण उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया।
गरीबों की मदद में हमेशा अग्रणी लुत्फल हक
लुत्फल हक समाजसेवा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बन चुके हैं। वे जरूरतमंदों, असहायों और गरीबों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उनकी पहचान गरीबों के मसीहा के रूप में हो चुकी है। वे न केवल जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की भी व्यवस्था करते हैं। उनके प्रयासों से हजारों लोगों का जीवन बेहतर हुआ है।
कोरोना काल में किया था अनुकरणीय कार्य
कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश संकट में था, तब लुत्फल हक ने अपनी दरियादिली और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया। उन्होंने हजारों जरूरतमंद लोगों को भोजन, राशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए। जिन गरीब मजदूरों की रोजाना की कमाई पर उनके परिवार का जीवन निर्भर था, उनके लिए लुत्फल हक ने राहत सामग्री उपलब्ध कराई। उन्होंने पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर रोजाना 300 गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया, जिससे वे भुखमरी का शिकार न हों।
गरीब बेटियों की शादी में करते हैं सहयोग
लुत्फल हक की समाजसेवा सिर्फ भोजन और चिकित्सा तक ही सीमित नहीं है। वे गरीब बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं और उनके घर बसाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी इस सेवा भावना के कारण उन्हें समाज में एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अब तक सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को इस प्रकार की मदद पहुंचाई है।
लुत्फल हक: सच्चे समाजसेवी और मानवता के रक्षक
लुत्फल हक एक ऐसे समाजसेवी हैं जिनका जीवन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित है। उनकी सहनशीलता, परोपकारिता और सेवा-भावना ने उन्हें लाखों दिलों में जगह दिलाई है। उनकी दरियादिली सिर्फ कहने भर की बात नहीं, बल्कि उनके कार्यों से स्पष्ट झलकती है। वे दिन-रात समाज की भलाई के लिए काम करते हैं और अपनी सेवाओं से समाज को नई दिशा दे रहे हैं।
सम्मान प्राप्त कर लुत्फल हक ने व्यक्त की अपनी भावनाएं
सम्मान प्राप्त करने के बाद लुत्फल हक ने भावुक होते हुए कहा, “मैं शशि शेखर जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे इस प्रतिष्ठित मंच पर सम्मानित किया। यह अवार्ड मैं उन बेबस और असहाय भाई-बहनों तथा माताओं को समर्पित करना चाहता हूं, जिनकी दुआओं ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनकी प्रार्थनाओं और आशीर्वाद से ही मुझे यह सम्मान मिला है।” उन्होंने आगे कहा कि यह पुरस्कार उनके समाजसेवा के कार्यों को और अधिक प्रेरित करेगा तथा वे गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में अपना योगदान जारी रखेंगे।
समाजसेवा को हमेशा देते रहेंगे प्राथमिकता
लुत्फल हक ने यह भी कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इसी तरह आगे भी गरीबों और असहायों की सेवा करने का अवसर मिलता रहे। उन्होंने समाज के समस्त नागरिकों से भी आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एकजुट होकर कार्य करें।
पाकुड़ का नाम किया रोशन
पाकुड़ जैसे छोटे और पिछड़े जिले से निकलकर लुत्फल हक ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई है। चीन के मकाऊ शहर में मिले इस प्रतिष्ठित सम्मान ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। उनकी यह उपलब्धि समाजसेवा में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
लुत्फल हक अपने कर्मों से यह साबित कर चुके हैं कि अगर सेवा का जज़्बा सच्चा हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। उनकी सफलता, परोपकारी स्वभाव और समाज के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें असली नायक बना दिया है। वे न केवल पाकुड़, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव और प्रेरणा का प्रतीक हैं।