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भक्त भक्तिभाव से शिवजी को चंदन लगाता है, उस पर शिवजी की कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसे भक्तों के लिए शिवजी तरक्की के नए रास्ते भी खोलते है। भगवान शिव जी पर अगर सही तरीके और सही विधि से चंदन अर्पित किया जाए तो भगवान का आशीर्वाद भक्त पर जल्दी होता है।
भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन का महीना चल रहा है। भगवान शिव को पूजा में चंदन अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान शिव को चंदन का लेप लगाने से वो बेहद खुश होते है। शिवजी को चंदन लगाने और उन्हें चंदन अर्पित करने की परंपरा वर्षों पुरानी है। ये परंपरा युगों से चली आ रही है।
चंदन बेहद शीतल होता है। इसके इसी गुण के कारण भगवान शिव को चंदन अर्पित करना शुभ माना जाता है। वहीं भगवान शिव को भी शीतलता का प्रतीक माना जाता है। सावन के महीने में अगर भगवान शिव को चंदन का लेप लगाया जाए तो वो बेहद खुश होते है। साथ ही भक्तों को भी संदेश देते हैं कि शांत मन से ही रहना चाहिए।
ऐसे करें चंदन अर्पित
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव को चंदन अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव को चंदन अर्पित करने का भी खास तरीका होता है। अगर भगवान शिव को सही तरीके से चंदन अर्पित किया जाए तो वो शुभ फल भी देते है। भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते है। वो भक्तों की सभी मनोकामनाओं को भी पूरा करते है। सावन के महीने में शिवजी को चंदन अर्पित करने पर भक्तों को सुख समृद्धि मिलती है। चंदन अर्पित करने से व्यक्ति को सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है।
चंदन भगवान भोलेनाथ के बेहद प्रिय है। जो भी भक्त भक्तिभाव से शिवजी को चंदन लगाता है, उस पर शिवजी की कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसे भक्तों के लिए शिवजी तरक्की के नए रास्ते भी खोलते है। भगवान शिव जी पर अगर सही तरीके और सही विधि से चंदन अर्पित किया जाए तो भगवान का आशीर्वाद भक्त पर जल्दी होता है।
ये है चंदन अर्पित करने का सही तरीका
शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाने की भी विधि है। चंदन लगाने के लिए सबसे पहले दाएं हाथ के अंगूठे का उपयोग करना चाहिए। अंगूठे का उपयोग कर नीचे से ऊपर की तरफ चंदन लगाना चाहिए। इसके बाद बाएं से दाएं की तरफ भी तिलक लगाना चाहिए। तीसरी रेखा अंगूठे से दाएं की ओर शुरू कर बाएं तरफ लगाना चाहिए। बता दें कि इस तरह के तिलक को त्रिपुंड कहा जाता है, जिसमें तीन रेखाएं होती है। माना जाता है कि जो लोग सावन के महीने में भगवान शिव को त्रिपुड़ लगाते हैं उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती है। त्रिपुड़ लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
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