Sunday, May 11, 2025
Homeमुर्गी पालन की सोच रहे हैं तो जान लें यह टेक्निक, जल्द...

मुर्गी पालन की सोच रहे हैं तो जान लें यह टेक्निक, जल्द बन जाएंगे करोड़पति!

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

[ad_1]

नकुल कुमार/पूर्वी चम्पारण. पिपरा कोठी प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत के झखरा के रहने वाले सर्वजीत कुमार साह पूर्वी चंपारण जिले में रजत क्रांति के वाहक बनकर बड़े स्तर पर मुर्गी पालन कर रहे हैं. सर्वजीत बताते हैं कि उन्होंने मुर्गी पालन की शुरूआत 11000 लेयर मुर्गी से वर्ष 2017 में की थी. उसके बाद उन्होंने दूसरी लेयर फार्मिंग शुरू की है, जिसमें 17000 मुर्गियां हैं. इसके बाद वे 20,000 क्षमता वाली बॉयलर मुर्गी का पालन करने वाले हैं.

पंजाब से आता है स्काइलर मुर्गी का चूजा
उन्होंने बताया कि लेयर मुर्गी पालन के लिए उन्होंने चूजा पंजाब से मंगाया था, जबकि चूजों के लिए बना बनाया दाना हाजीपुर से मंगाया जाता है. जिसमें मक्का, सोया आदि रहता है. वहीं अंडा उत्पादन के समय मुर्गियों को पत्थर भी दिया जाता है. इस फॉर्म को लगाने से अंडे के उत्पादन तक का शुरुआती कॉस्ट लगभग एक करोड़ 70 लाख रुपया है. उन्होंने बताया कि लेयर मुर्गी फार्म की गेज विधि (दो मंजिला विधि) है, जिसमें मुर्गियों को 5-5 के समूह में रखा जाता है. इससे मुर्गियों के वैक्सीनेशन ड्रॉपिंग और अंडा उत्पादन में सुविधा होती है.

120 दिन में चूजा हो जाता है तैयार
सर्वजीत बताते हैं कि जिस तरह से बच्चे को गर्मी, ठंड, बरसात, बुखार, वायरस आदि से बचाना होता है, उसी तरह से इसको भी वायरस, बुखार और प्रतिकूल मौसम से बचाना होता है. अप्रैल महीना में चूजा डालने के बाद से अंडा देने के 120 दिनों तक इसकी सेवा करनी होती है. इस दौरान इसके लिए प्रतिदिन दाना-पानी, आई ड्रॉप एवं सप्ताह में एक दिन वैक्सीनेशन करना होता है. उन्होंने बताया कि उनके फॉर्म में फिलहाल 17000 मुर्गियां हैं. 120 दिनों तक मुर्गी पालन के बाद मुर्गी अंडा देने लगती है. तब प्रतिदिन 16500 अंडे के हिसाब से लगातार 18 महीने तक मुर्गी अंडा देती हैं.

लोकल मार्केट में भेजते हैं अंडा
सर्वजीत ने बताया कि पहले वे मुजफ्फरपुर एवं अन्य जिलों में अंडा भेजते थे, लेकिन वहां पर अब बाहर से अंडा आने लगा है. इसलिए वह पूर्वी चंपारण के ही स्थानीय मार्केट में अंडा बेचते हैं. व्यापारी मुर्गी फार्म पर आकर अंडा ले जाते हैं. प्रति अंडे की कीमत 3 से 4.5 रुपए तक मिल जाती है. इस दौरान हाथों-हाथ पेमेंट का लेनदेन हो जाता है. वे चाहते हैं कि गवर्नमेंट की सब्सिडी भी उन्हें मिले.

Tags: Bihar News, East champaran, Latest hindi news, Local18

[ad_2]

Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments