[ad_1]
शुभम राज/खगड़िया. बिहार के बड़े भू-भाग में आम की बागबानी होती है. केवल कुछ प्रजातियों के आम जैसे आम्रपाली और मल्लिका जिनकी तुड़ाई अगस्त माह तक चलती है. इसके अलावा जितने भी प्रजातियों के आम हैं, उनकी तुड़ाई हो चुकी है. किसान अक्सर फसल की तुड़ाई के बाद बागान को ऐसे ही छोड़ देते हैं. जिस कारण उनकी अगले वर्ष की फसल पर दुष्प्रभाव पड़ता है,लेकिन अगर आप अगले वर्ष भी आम की बंपर फसल चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है.
सिर्फ रसायनिक खाद से अच्छी पैदावार नहीं
कृषि वैज्ञानिक बिपुल कुमार मंडल ने बताया कि अगले साल आम के अच्छे फसल के लिए किसान फसल की तुड़ाई करने के तुरंत बाद पेड़ के कैनोपी एरिया ( पेड़ के पूरे छत्र के नीचे का भाग) की जुताई करवा दें. उन्होंने किसानों को पेड़ के जड़ से 1-2 मीटर हटकर जहां तक दोपहर के 12 बजे पत्तियों की छांव गिरती है, वहां तक खाद-उर्वरक का प्रयोग यथा शीघ्र करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सिर्फ रसायनिक खाद से अच्छी पैदावार नहीं ले सकते.
जैविक खाद भी बेहद आवश्यक है. उन्होंने नीम, अंडी या तोड़ी की खल्ली या वर्मिकमपोस्ट में प्रति पेड़ 1 किलोग्राम अमोनियम सल्फेट, 2 से 2.5 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 1 किलोग्राम नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश के साथ साथ सूक्ष्म पोषक तत्व को मिलाकर पेड़ के जड़ के चारों तरफ डालकर मिट्टी में मिलाने के बाद सिंचाई करने की सलाह दी.
बरसात से पहले और बाद में करें यह उपाय
इसके अलावा उन्होंने बरसात से पहले या फिर बरसात के बाद एक फफूंद नाशक और एक कीटनाशक का इस्तमाल करने की सलाह दी. इससे पेड़ पर जितने भी कीट और फफूंद होंगे. उनसे छुटकारा मिल जाएगा और निश्चित रूप से अगले वर्ष आम की बंपर पैदावार होगी. उन्होंने छोटे पेड़ों के लिए भी यहीं प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि छोटे पेड़ों में इन्ही खाद-उर्वरक की मात्रा कम कर दी जाती है. जिससे छोटे पेड़ों का भी विकास अच्छी तरह होता है.
.
Tags: Bihar News, Khagaria news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 29, 2023, 20:52 IST
[ad_2]
Source link