विधिक जागरूकता और मौलिक अधिकारों पर फोकस
झालसा रांची के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पाकुड़ के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पाकुड़ जिले के गंधाईपुर पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिहरा में हुआ, जहां कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पाकुड़ शेष नाथ सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई और इस कार्यक्रम की सफलता के लिए मार्गदर्शन किया।
निशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी
कार्यक्रम में उपस्थित डीएलएसए (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) के सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में छात्रों को निशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी भी दी गई। पैरा लीगल वॉलिंटियर्स ने बताया कि डीएलएसए द्वारा गरीब और असहाय व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है, जिससे कोई भी व्यक्ति बिना खर्च किए न्याय की प्रक्रिया का लाभ उठा सकता है। इसके साथ ही छात्रों को कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया गया और यह बताया गया कि कैसे वे कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं, यदि कभी उनकी जरूरत पड़े।
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अंधविश्वास और जादू टोना के खिलाफ जागरूकता
कार्यक्रम में पैरा लीगल वॉलिंटियर्स अमूल्य रत्न रविदास और एजारुल शेख ने छात्रों को जादू टोना, डायन प्रथा और अंधविश्वास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। अमूल्य रत्न रविदास ने बताया, “यदि हम बीमार होते हैं तो हमें अस्पताल या डॉक्टर के पास जाना चाहिए। जादू टोना या झाड़-फूंक से इलाज करवाना बीमार व्यक्ति की जान के लिए खतरा साबित हो सकता है।” उन्होंने सभी से अपील की कि ऐसे किसी भी प्रकार के अंधविश्वास से बचें और तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
डायन प्रथा पर जागरूकता
एजारुल शेख ने डायन प्रथा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “अक्सर लोग जमीन-जायदाद के लोभ में पड़कर किसी निर्दोष व्यक्ति को डायन बताकर उसे प्रताड़ित करते हैं। यह केवल संपत्ति हड़पने की साजिश होती है और इससे समाज में भय और भ्रम फैलता है। हमें इस प्रकार के कृत्यों से बचने की जरूरत है।” उन्होंने सभी को सतर्क रहने और ऐसे अंधविश्वासों से बचने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस प्रकार की प्रथा का सामना करना पड़े, तो तुरंत डीएलएसए से कानूनी मदद ली जा सकती है।
कानूनी जानकारी से समाज को सशक्त बनाना
इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल छात्रों को विधिक जानकारी देना नहीं था, बल्कि यह समाज को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम था। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। पाकुड़ जिले में विधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिससे लोग अपने कानूनी अधिकारों को समझ सकें और समाज में अंधविश्वास जैसी नकारात्मक प्रथाओं को खत्म करने में मदद मिल सके।
कार्यक्रम की सफलता और समापन
कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। उन्होंने मौलिक अधिकारों और कानूनी सहायता के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त की और यह सुनिश्चित किया कि वे इनका उपयोग अपने जीवन में करेंगे। इस कार्यक्रम में पाकुड़ के अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों और विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारियों की भी उपस्थिति रही, जिन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम के आयोजन से यह स्पष्ट हो गया कि विधिक जागरूकता के जरिए समाज में कानून और अधिकारों के प्रति समझ पैदा की जा सकती है। अंधविश्वास, जादू टोना और डायन प्रथा जैसी सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना और कानूनी सहायता से उन्हें सशक्त बनाना समाज के उत्थान के लिए जरूरी कदम है। पाकुड़ जिले में इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से भविष्य में और भी अधिक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।