पाकुड़। जेल का निरीक्षण झालसा रांची के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में किया गया। यह निरीक्षण मॉडल जेल मैनुअल 2016 के प्रावधानों के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य जेल परिसर में भेदभावपूर्ण प्रथाओं की संभावनाओं का आकलन करना था।
बोर्ड ऑफ विजिटर्स की भूमिका
निरीक्षण में बोर्ड ऑफ विजिटर्स के सदस्य, जिसमें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रभारी उपायुक्त, सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता (पीडब्ल्यूडी), प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी शामिल थे, ने सक्रिय भागीदारी की। इस टीम ने संयुक्त रूप से जेल का निरीक्षण करते हुए कैदियों और जेल प्रशासन के बीच किसी भी प्रकार के जाति-आधारित भेदभाव या अन्य भेदभावपूर्ण प्रथाओं के अस्तित्व की जांच की।
कैदियों के साथ बातचीत और उनकी प्रतिक्रियाएं
निरीक्षण के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने जेल के पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, और मेडिकल वार्ड का दौरा किया। उन्होंने कैदियों के साथ विस्तृत बातचीत की ताकि जेल परिसर में किसी भी प्रकार के भेदभाव की जानकारी मिल सके।
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- कैदियों ने स्पष्ट किया कि उनके साथ किसी प्रकार का जातिगत या अन्य भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाता।
- सदस्यों ने विशेष रूप से रसोई में काम कर रहे कैदियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि भोजन तैयार करने और परोसने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया जाता।
भोजन और सुविधाओं में समानता
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि जेल प्रशासन द्वारा भोजन की गुणवत्ता और उपलब्धता में पूरी समानता बरती जाती है। कैदियों ने भी इस बात की पुष्टि की कि सभी को समान प्रकार और गुणवत्ता का भोजन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, जेल में अन्य सुविधाएं जैसे चिकित्सा सेवा, आवास, और साफ-सफाई भी संतोषजनक पाई गईं।
भेदभावपूर्ण प्रथाओं का नकार
निरीक्षण टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि जिला जेल, पाकुड़ में किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण प्रथाओं का अस्तित्व नहीं है। कैदियों और जेल प्रशासन के बीच व्यवहार में समानता का ध्यान रखा गया है। निरीक्षण में यह भी स्पष्ट हुआ कि जेल प्रशासन मॉडल जेल मैनुअल 2016 के सभी प्रावधानों का पालन कर रहा है।
समाज में विश्वास बढ़ाने का प्रयास
इस निरीक्षण से यह स्पष्ट हो गया है कि जिला जेल, पाकुड़ में कैदियों के साथ किसी प्रकार का अन्याय या भेदभाव नहीं हो रहा है। इससे न केवल जेल प्रशासन की पारदर्शिता प्रमाणित हुई है, बल्कि यह समाज में न्यायिक प्रणाली और जेल प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
जिला जेल में हुए इस निरीक्षण ने जेल प्रशासन की निष्पक्षता और कैदियों के प्रति समान व्यवहार की पुष्टि की है। इससे यह स्पष्ट है कि जेल प्रशासन कैदियों के अधिकारों और सम्मान का पूरी तरह से ध्यान रख रहा है। यह पहल न्यायिक प्रणाली में विश्वास को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।