पाकुड़। सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए हर क्षेत्र में वारिकी से नजर रखी जा रही है। जिला प्रशासन की इस तत्परता का प्रमुख उद्देश्य न्यायालय और संबंधित क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। मंगलवार को, उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने मिलकर पाकुड़ व्यवहार न्यायालय और ज्यूडिशियल कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था की संयुक्त समीक्षा की।
सुरक्षा का व्यापक अवलोकन
इस समीक्षा का मुख्य उद्देश्य न्यायालय परिसर की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था को परखना और उसे और अधिक सुदृढ़ करना था। इस प्रक्रिया में सबसे पहले न्यायालय परिसर में अधिष्ठापित सीसीटीवी कैमरा और कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जांच की गई। यह कैमरे पूरे परिसर की निगरानी करने के लिए लगाए गए हैं ताकि हर कोने पर नजर रखी जा सके। कंट्रोल रूम में लाइव फ़ीड का अवलोकन कर किसी भी संदेहास्पद गतिविधि का तुरंत पता लगाया जा सके।
इसके साथ ही, न्यायालय हाजत की सुरक्षा व्यवस्था का विशेष रूप से निरीक्षण किया गया। न्यायालय हाजत वह स्थान होता है जहां आरोपी न्यायालय में पेशी के समय तक रखा जाता है। इस स्थान की सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है, ताकि आरोपी के भागने या किसी अन्य अप्रिय घटना की संभावना को समाप्त किया जा सके।
मुख्य द्वार पर सघन चेकिंग की व्यवस्था
निरीक्षण के दौरान न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले सभी आम जनों, अधिवक्ताओं और अन्य व्यक्तियों की चेकिंग व्यवस्था का जायजा लिया गया। न्यायालय के मुख्य द्वार पर डी एफ एम डी (Door Frame Metal Detector) और एच एच एम डी (Hand Held Metal Detector) के माध्यम से सघन जांच की जा रही है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी खतरनाक सामग्री या हथियार परिसर में न लाया जा सके। इसके साथ ही, यह व्यवस्था न्यायालय के भीतर मौजूद सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
न्यायालय परिसर की सुरक्षा पर विस्तार से विचार-विमर्श
समीक्षा के दौरान, न्यायालय परिसर के अन्य सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। यह देखा गया कि सुरक्षा केवल कैमरों और डिटेक्टरों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि सभी संभावित कमजोर बिंदुओं की पहचान कर उसे दूर करने की भी आवश्यकता है। इस संदर्भ में, सुरक्षा बलों के नियमित निरीक्षण, समय-समय पर मॉक ड्रिल, और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी विचार किया गया।
वॉच टॉवर और अन्य सुरक्षा सुविधाओं का निर्माण
निरीक्षण के दौरान, न्यायालय परिसर में 03 वॉच टॉवर के निर्माण की योजना बनाई गई। इन वॉच टॉवरों से सुरक्षा कर्मी न्यायालय परिसर के हर हिस्से की निगरानी कर सकेंगे और किसी भी अप्रिय स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे। इसके अलावा, महिला कर्मचारियों और आगंतुकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, महिला जांच रूम का भी निर्माण किया जाएगा। इससे महिला सुरक्षा में सुधार होगा और उनकी चेकिंग के दौरान निजता का ध्यान रखा जा सकेगा।
साथ ही, पार्किंग की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए गए। न्यायालय परिसर में वाहनों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, पार्किंग के लिए सुरक्षित और पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जानी आवश्यक है। इस योजना के अंतर्गत पार्किंग क्षेत्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि वाहनों की चोरी या क्षति जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
सुरक्षा बलों को निर्देश
इस निरीक्षण के दौरान, न्यायालय परिसर में तैनात सुरक्षा बलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्हें न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहने की हिदायत दी गई। इसके अलावा, सुरक्षा बलों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल रिपोर्ट करने और उससे निपटने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि न्यायालय परिसर में किसी भी अनजान व्यक्ति या वस्तु पर विशेष नजर रखें और आवश्यकतानुसार जांच करें।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इनमें प्रभारी न्यायाधीश, व्यवहार न्यायालय पाकुड़, अनुमंडल पदाधिकारी पाकुड़, पुलिस उपाधीक्षक (मु), पाकुड़, और कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, पाकुड़ सहित अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल थे। उनकी उपस्थिति से यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर है और सभी स्तरों पर समन्वय बनाकर इसे लागू कर रहा है।
समग्र सुरक्षा का उद्देश्य
इस पूरे निरीक्षण और समीक्षा का उद्देश्य न्यायालय परिसर और ज्यूडिशियल कॉलोनी में सुरक्षा के हर संभव उपाय को लागू करना है। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता और इसी कारण सुरक्षा के हर पहलू पर गहनता से विचार किया गया है। उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार द्वारा की गई यह समीक्षा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अंततः, यह प्रयास जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि सुरक्षा के मामले में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।