गांधी जयंती पर विशेष आयोजन
पाकुड़ – गांधी जयंती के अवसर पर मंडलकारा पाकुड़ में जेल अदालत सह मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़, शेष नाथ सिंह ने की।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित करने और दीप प्रज्वलित करने के साथ की गई। इस अवसर पर प्रभारी सचिव विशाल मांझी, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास और जेलर भी मौजूद रहे।
बंदियों को कानूनी सहायता और जानकारी
कार्यक्रम के दौरान प्रधान न्यायाधीश शेष नाथ सिंह ने बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार से मिलने वाली निःशुल्क कानूनी सहायता और न्यायिक प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बारी-बारी से प्रत्येक बंदी से उनके अधिवक्ता होने या न होने की जानकारी ली। जो बंदी वंचित पाए गए, उन्हें चिन्हित किया गया और संबंधित अधिकारियों एवं लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ को समस्या निदान के लिए निर्देशित किया गया।
मेडिकल जांच और स्वास्थ्य सेवाएं
उम्रदराज बंदियों की बीपी, शुगर और अन्य सामान्य स्वास्थ्य जाँच मेडिकल टीम द्वारा की गई। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जेल में रहने वाले बुजुर्ग और रोगी बंदियों को स्वास्थ्य सेवाएं और आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल सके।
मौके पर उपस्थित गणमान्य लोग
कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी, जेल प्रशासनिक अधिकारी, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के कर्मी, पाकुड़ व्यवहार न्यायालय कर्मी और पैरा लीगल वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे। सभी ने बंदियों की कानूनी और स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
सामाजिक और न्यायिक संदेश
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि गांधी जयंती केवल राष्ट्रपिता का सम्मान करने का अवसर नहीं, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों और स्वास्थ्य की सुरक्षा का भी अवसर है। कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया गया कि न्याय और स्वास्थ्य सभी नागरिकों का मूल अधिकार है, चाहे वे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हों।
प्रतिबद्धता और भविष्य की पहल
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे अभियान लगातार आयोजित किए जाएंगे ताकि जेल में बंद सभी बंदियों को कानूनी सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं तक सहज पहुँच सुनिश्चित हो सके। इस पहल से न्याय और मानवीय सेवा का संदेश व्यापक रूप से फैलने की संभावना बढ़ गई।