पाकुड़। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), पाकुड़ के तत्वाधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह के मार्गदर्शन में आज, रविवार, पाकुड़ मंडलकारा में जेल अदालत का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न्यायिक और विधिक सेवा की पहुंच को जेल में बंद बंदियों तक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
जेल अदालत का महत्व और विधिक सहायता
इस कार्यक्रम के दौरान न्यायिक पदाधिकारियों ने जेल अदालत के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उपस्थित बंदियों को बताया कि जेल अदालत का उद्देश्य न केवल उनके मामलों का शीघ्र निपटारा करना है, बल्कि उन्हें उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी है। बंदियों को बताया गया कि वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से नि:शुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल खासतौर पर उन बंदियों के लिए है जो आर्थिक, सामाजिक या अन्य कारणों से न्याय पाने में असमर्थ हैं।
बंदियों को कानूनी और अधिकारों की जानकारी
कार्यक्रम में बंदियों को उनके अधिकारों और हितों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। उन्हें यह भी समझाया गया कि वे किस प्रकार से अपनी समस्याओं को प्राधिकार के समक्ष रख सकते हैं। जेल अदालत में उपस्थित न्यायिक पदाधिकारियों ने बंदियों को उनके न्यायिक अधिकारों और जेल प्रशासन द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया।
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मेडिकल कैंप का आयोजन
झालसा के निर्देशानुसार इस जेल अदालत के दौरान एक मेडिकल कैंप भी लगाया गया। इस कैंप में विशेष रूप से बुजुर्ग बंदियों और अन्य बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गई। बीपी, शुगर, और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण इस मेडिकल कैंप का मुख्य हिस्सा थे। यह कदम बंदियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया, जिससे उनकी देखभाल सुनिश्चित हो सके।
अधिकारी और विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यक्रम में सचिव अजय कुमार गुड़िया, डॉ एस के झा, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, और अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक के साथ जेल प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे। इन सभी ने अपनी भूमिका निभाते हुए बंदियों को जानकारी प्रदान की और जेल प्रशासन के कार्यों में सहयोग किया।
बंदियों के लिए न्याय और स्वास्थ्य के प्रयास
जेल अदालत के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि बंदी अपने मामलों के निपटारे और स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक रहें। न्यायिक अधिकारियों और जेल प्रशासन के इस संयुक्त प्रयास से बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया गया। यह जेल अदालत केवल न्यायिक पहल नहीं थी, बल्कि बंदियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने का भी एक सशक्त कदम थी।
समाज में न्याय तक पहुंच का संदेश
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि न्याय और स्वास्थ्य सुविधाएं केवल बाहर की दुनिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जेल में बंद व्यक्तियों के लिए भी समान रूप से उपलब्ध हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न्यायपालिका और समाज के अन्य अंगों का आपसी सामंजस्य मजबूत होता है।
पाकुड़ मंडलकारा में जेल अदालत और मेडिकल कैंप का यह आयोजन बंदियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक साबित हुआ, बल्कि उनकी जरूरतों को समझने और उनके हितों की रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण मंच भी बना।