पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के निर्देश पर पाकुड़ मंडलकारा में जेल अदालत का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती, सचिव अजय कुमार गुड़िया, एसडीपीओ प्रदीप उरांव ने दीप प्रज्ज्वलित कर की।
उक्त कार्यक्रम में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने प्राधिकार से मिलने वाली मुफ्त कानूनी सहायता, समेत बंदियों के हित में कई महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जेल अदालत एक उच्च न्यायिक प्राधिकरण है, जो अपराधों की समीक्षा और न्याय दिलाने का कार्य करता है। यहां पर सभी बंदियों को उनके अधिकार और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
विज्ञापन
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि जेल अदालत न केवल न्यायिक निर्णयों का पालन करती है बल्कि यह बंदियों के प्रति मानवीय दया और संवेदनशीलता की बात करती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जेल अदालत की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है और समाज में न्याय की सुनिश्चितता को बढ़ावा देती है।
साथ ही, सचिव अजय कुमार गुड़िया ने बताया कि सरकार ने बंदियों के हित में न्याय प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं और इसका उदाहरण यह कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि सरकार बंदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह संबल रही है।
यह अदालती कार्यक्रम प्राधिकार के साथ-साथ बंदियों के लिए न्याय प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके माध्यम से, बंदियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और वे अपने मामले में सही और निष्पक्ष न्याय प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, न्यायिक दंडाधिकारी और उनकी टीम ने जेल में बंदियों के साथ न्यायिक सहायता के लिए सक्रिय रूप से काम किया है। वे बंदियों के प्रति संवेदनशीलता और समझदारी के साथ काम करते हैं, ताकि उन्हें अपने मामले की सही जानकारी मिल सके और वे अपने हक की रक्षा कर सकें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को न्याय के प्रति विश्वास बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया जाता है। यह साबित करता है कि न्याय का मंच समाज के हर व्यक्ति के लिए है, चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति का हो।
मौके पर न्यायिक दंडाधिकारी समेत जेलर ललन भारती उपस्थिति रहे।