पाकुड़। आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त मनीष कुमार ने समाहरणालय सभागार में जनता दरबार का आयोजन किया। इस विशेष कार्यक्रम में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों ने भाग लिया। लोगों ने अपनी समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा और उनके समाधान की उम्मीद जताई।
समस्याओं को सुनने और समाधान का आश्वासन
जनता दरबार में उपस्थित नागरिकों से उपायुक्त ने व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाएगा। इस दौरान जमीन विवाद, चौकीदार से संबंधित मामले और विभिन्न विभागों से जुड़े आवेदन प्रमुख मुद्दे रहे।
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संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी शिकायतों की भौतिक जांच करें और निर्धारित समय सीमा में समाधान प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक आवेदन का निष्पादन एक सप्ताह के भीतर कर, उसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में समर्पित की जाए। यह पहल जनता के विश्वास को मजबूत करने और प्रशासन को अधिक जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा
जनता दरबार के दौरान जिन समस्याओं पर सबसे अधिक ध्यान दिया गया, उनमें भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं का लाभ, चौकीदार से जुड़े मुद्दे, और अन्य प्रशासनिक कार्य शामिल थे। इन मामलों में उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे संबंधित मामलों पर तत्काल कार्रवाई करें और नागरिकों को समयबद्ध समाधान प्रदान करें।
जनता और प्रशासन के बीच संवाद का प्रभाव
जनता दरबार का आयोजन प्रशासन और आम जनता के बीच संवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस पहल से न केवल नागरिकों की समस्याएं सुलझाने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
सप्ताह भर में समाधान की प्रक्रिया सुनिश्चित
जनता दरबार के अंत में उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी प्राप्त शिकायतों का निष्पादन एक सप्ताह के भीतर किया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाते हुए समयबद्ध कार्य प्रणाली अपनाने को कहा गया।
जनता दरबार: एक प्रशंसनीय पहल
यह कार्यक्रम जिले में प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने और आम नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए एक प्रशंसनीय पहल है। इससे न केवल समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच विश्वास और संवाद को भी बढ़ावा मिलेगा।