रांची/लोहरदगा. सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ जारी मुहिम में बड़ी कामयाबी मिली है. मामला झारखंड से जुड़ा है जिसका ISIS से लिंक मिला है. इस मामले में एक आतंकी की गिरफ्तारी भी की गई है. NIA और आईबी की टीम ने लोहरदगा के मिल्लत कॉलोनी से शख्स को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम फैजान अंसारी है जिसे गिरफ्तार किया गया है. दरअसल फैजान की कहानी 2 वर्ष पहले शुरू हुई. लोहरदगा से फैजान अपने भविष्य को आयाम देने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पढ़ाई करने पहुंचा लेकिन इसी दरम्यान उसका संपर्क कुछ युवकों से हुआ जिसके बाद वो डार्क नेट के जरिए प्रतिबंधित ISIS ग्रुप के संपर्क में आ गया और प्रभावित हो गया.
सोशल मीडिया के जरिए कई कट्टरपंथी विचारधारा उसके मन मे भरी गई जिसके बाद वो लगातार इनके संपर्क मे रहने लगा. इसी दरम्यान यूनिवर्सिटी से 2 माह पहले वो लोहरदगा आया और पिछले 2 महीनों से वो लोहरदगा में ही रह रहा था. वहीं डार्क नेट के इस्तेमाल के कारण वो केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आ गया था. वहीं यूपी और दिल्ली में भी केंद्रीय एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले जिसके बाद टीम झारखंड के लोहरदगा पहुंची और जांच में जुटी. कुछ दिनों से लगातार पूछताछ के बाद आखिरकार फैजान अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी के लैपटॉप से कई कट्टरपंथी जेहाद की जानकारी भी केंद्रीय एजेंसियों को मिली तो वहीं उसके मेल अकाउंट से भी काफी जानकारियां एजेंसियों को मिली है. जानकारी के अनुसार ये डेटा देश विरोधी हैं और कट्टरपंथी जेहाद को बल देती है. इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है. एजेंसियां ये भी जांच कर रही हैं कि कहीं फैजान ने स्थानीय युवकों को भी तो इस जाल में नहीं ट्रैप किया है. लोहरदगा में वह पिछले दो महीनों से रह रहा था और अपने घर से ही इस्लामिक जिहाद को लेकर सक्रिय था. एनआईए की टीम उस पर पिछले एक सप्ताह से नजर रखे हुए थी.
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जब फैजान अंसारी के आईएसआईएस के स्लीपर सेल होने की पुख्ता जानकारी हासिल की उसके बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया. जानकारी के अनुसार फैजान की पढ़ाई लोहरदगा के विद्या मंदिर में हुई थी जिसके बाद वो संत जेवियर कॉलेज रांची मे पढ़ने के लिए आ गया और फिर हायर एजुकेशन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चला गया. NIA की गिरफ्त में आए फैजान अंसारी को जेल भेज दिया गया है. उसकी रिमांड पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद उसे रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेजा गया है.
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