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रांची, 30 अक्टूबर: झारखंड को माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में ‘भारी कीमत’ चुकानी पड़ रही है क्योंकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दावा किया है कि राज्य सरकार पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल का 11,348.58 करोड़ रुपये बकाया है। पिछले साल झारखंड सरकार ने सीआरपीएफ जवानों की तैनाती के बकाए के तौर पर 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
झारखंड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर केंद्रीय बलों की तैनाती, अब तक किये गये भुगतान और बकाया राशि आदि का पूरा ब्योरा मांगा है, ताकि इस पर निर्णय लिया जा सके. दावा राशि का भुगतान.
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गौरतलब है कि आज की तारीख में राज्य में सीआरपीएफ की 132 कंपनियां तैनात हैं. इनकी प्रतिनियुक्ति मुख्य रूप से झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में की गयी है. ये बल वहां 15 वर्षों से अधिक समय से तैनात हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल अपनी समीक्षा में पाया था कि देश में कुल 70 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इन 70 में से सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 25 है.
झारखंड में आठ जिले नक्सलियों से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जबकि आठ अन्य जिले मामूली रूप से प्रभावित माने जाते हैं. नक्सलियों से सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं – चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम, जबकि मामूली प्रभावित जिले हैं – रांची, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, गढ़वा, गिरिडीह और हजारीबाग .
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर इन सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मदद से ऑपरेशन जारी है और माओवादियों का दबदबा भी कुछ हद तक कम हुआ है.
राज्य में माओवादियों की कुल संख्या अब कुछ सौ रह गई है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावित जिलों में केंद्रीय बलों की 132 कंपनियां तैनात हैं। राज्य में केंद्रीय और पुलिस बलों सहित लगभग 85,000 कर्मी तैनात हैं।
आईएएनएस
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