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शशिकांत ओझा/पलामू. पलामू जिले के लहलहे गांव के निवासी मनीष तिवारी को संस्कृति मंत्रालय द्वारा जूनियर आर्टिस्ट स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया गया है. अब दो वर्ष तक संस्कृति मंत्रालय द्वारा मनीष तिवारी को स्कॉलरशिप दिया जायेगा. मनीष तिवारी झारखंड के पहले रंगमंच कलाकार हैं जिन्हें स्कॉलरशिप मिला है. रंगमंच के क्षेत्र में मनीष पिछले 6 सालों से लगे हुए हैं. देश के विभिन्न राज्यों में उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. मनीष तिवारी ने पटना से रंगमंच में नाटक करने की शुरुआत की थी. वर्तमान में झारखंड लोक नाटक विषय से पीएचडी कर रहे है. उनका सपना है कि झारखंड के लोक नाटकों को विश्व पटल पर ले जाया जा सके.
मनीष तिवारी ने लोकल 18 को बताया कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा कला के अलग-अलग विधाओं में काम कर रहे 18 से 25 वर्ष तक के युवाओं के लिए स्कॉलरशिप दिया जाता है. जिसका फॉर्म हर वर्ष नवंबर, दिसंबर के महीने में आता है. जिसके बाद साक्षात्कार के आधार पर लोगों का चयन होता है. चयनित लोगों को सरकार द्वारा 5000 रुपए हर महीने दिया जाता है. साथ ही अलग-अलग गुरु के द्वारा सीखने का अवसर मिलता है. उन्होंने बताया की रंगमंच के कलाकार के रूप में झारखंड से पहला कलाकार मैं बना हूं जिसे संस्कृति मंत्रालय द्वारा जूनियर आर्टिस्ट स्कॉलरशिप मिला है. इसकी मुझे बेहद ज्यादा खुशी है. मैं भविष्य में झाखंड के लोक नाट्य और कला को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करना चाहता हूं.
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सरकार द्वारा 5000 रुपए हर महीने दिया जाता है
मनीष तिवारी के पिता दामोदर तिवारी पलामू जिले के लहलहे गांव में छोटा सा दुकान चलाते हंै. साथ ही खेती कर बच्चों को पढ़ाते थे. मनीष तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा पलामू से ही हुई है. वर्ष 2016 में बारहवीं के बाद मनीष ने पटना जाकर नाटक करना शुरू किया. उन्होंने बताया की बचपन से फिल्मकर्ता के साक्षात्कार को देखकर प्रेरित होता था. अपने सपनों के लिए पटना चला गया. अब तक वो बिहार के साथ असम, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र में भी नाटक कर चुके हैं. उन्होंने कहा की वो 2 घंटे का मनोरंजक नाटक करते है.
18-25 वर्ष के उम्र वाले को मिलता है इसका लाभ
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार सीसीआरटी यंग आर्टिस्ट स्कॉलरशिप उन युवाओं को प्रदान करती है जो 25 साल से कम उम्र वाले है. संस्कृति मंत्रालय ने शास्त्रीय संगीत, भारतीय शास्त्रीय नृत्य, उपशास्त्रीय संगीत, नाट्यकला, रूपकर व लोक कला, पारम्परिक व आदिवासी कला में कार्य कर रहे युवाओं के लिए छात्रवृत्ति एवं फैलोशिप योजनाÓ चला रही है. जिसके तहत चयनित कलाकारों को ट्यूशन और प्रशिक्षण प्रभार के साथ प्रतिमाह 5000/- रू. का भुगतान करती है. इसके लिए हर वर्ष नवंबर दिसंबर में परीक्षा आयोजित होती है. इस परीक्षा में कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग शामिल होते है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि युवा कलाकारों, विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यक्तियों और सांस्कृतिक अनुसंधान करने वालों का सहयोग करना है. जिसके तहत 18-25 वर्ष आयु वर्ग के चयनित लाभार्थियों को 2 वर्ष की अवधि हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इसके लिए उम्मीदवारों ने कम-से-कम 5 वर्षों तक किसी भी गुरु या संस्थान के तहत प्रशिक्षण प्राप्त होना अनिवार्य है. एक वर्ष में कुल 400 वरिष्ठ एवं कनिष्ठ उम्मीदवार को इस योजना का लाभ मिलता है.
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Tags: Jharkhand news, Local18, Palamu news
FIRST PUBLISHED : July 25, 2023, 22:42 IST
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