मोरहाबादी स्थित आवास में उमड़ा श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब
झारखंड के निर्माता, पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद रांची स्थित मोरहाबादी आवास में शोक की लहर फैल गई। प्रदेशभर से उनके अनुयायी, समर्थक, कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी उनके पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस अवसर पर पाकुड़ जिला झामुमो इकाई के दर्जनों वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता भावुक माहौल में अंतिम दर्शन करने पहुंचे।
पुष्पांजलि अर्पित कर जताया गहरा सम्मान
झामुमो जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मोरहाबादी स्थित आवास पहुँचकर दिशोम गुरु के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि “हम सबने न केवल एक नेता को खोया है, बल्कि एक युग पुरुष, एक मार्गदर्शक और एक अभिभावक को खोया है। उनके आदर्श और विचारधारा हमेशा हमारे साथ रहेंगी।”
जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर पाकुड़ झामुमो इकाई के जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली, जिला उपाध्यक्ष पीटर मरांडी, जिला संयुक्त सचिव तरुण मंडल, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुनील टुडू, युवा मोर्चा जिला सचिव अमित भगत, अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सगीर अंसारी, सहित कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उपस्थित होकर गुरुजी को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
प्रखंड स्तर के कार्यकर्ताओं की भी सक्रिय भागीदारी
झामुमो के हिरणपुर प्रखंड अध्यक्ष इसहाक अंसारी, हिरणपुर प्रखंड सचिव सरकार टुडू, लिट्टीपाड़ा प्रखंड अध्यक्ष प्रसाद हांसदा, अमड़ापाड़ा प्रखंड अध्यक्ष श्यामलाल हांसदा, प्रखंड सचिव जहीरुद्दीन मियां, लिट्टीपाड़ा प्रखंड उपाध्यक्ष जाकिर अंसारी, अमड़ापाड़ा प्रखंड उपाध्यक्ष इमरान अंसारी, हिरणपुर प्रखंड कोषाध्यक्ष इमदादुल अंसारी सहित कई कार्यकर्ताओं ने गुरुजी के चरणों में नमन किया।
मीडिया प्रभारी व अन्य कार्यकर्ता भी हुए शामिल
इस शोकसभा में जिला मीडिया प्रभारी आफताब आलम, जिला कार्यकारिणी सदस्य नारायण भगत, मंटू भगत, अली हुसैन अंसारी, जब्बार अंसारी सहित पाकुड़ जिले के दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी की आंखें नम थीं और माहौल पूरी तरह भावुकता से भर गया था।
गुरुजी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प
श्रद्धांजलि देने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कहा कि “दिशोम गुरु का जीवन आदर्शों और संघर्ष की मिसाल है। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलने और झारखंड की जनता के हक-अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लेते हैं।” उनका योगदान हमेशा झारखंड के इतिहास में अमर रहेगा।
इस भावुक अवसर पर झामुमो परिवार ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि दिशोम गुरु का जाना भले ही शारीरिक रूप से हो, लेकिन उनके विचार और संघर्ष की लौ हर झारखंडी के दिल में हमेशा जलती रहेगी।