Wednesday, May 7, 2025
HomePakur9 मई को झामुमो करेगा जिला मुख्यालय पर विशाल धरना-प्रदर्शन, सरना धर्म...

9 मई को झामुमो करेगा जिला मुख्यालय पर विशाल धरना-प्रदर्शन, सरना धर्म कोड लागू करने की उठी मांग

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

झामुमो कार्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठक, जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम की अध्यक्षता में हुई चर्चा

पाकुड़। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के जिला कार्यालय धनुषपुजा में मंगलवार को एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता झामुमो जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 9 मई को आयोजित होने वाले एकदिवसीय विशाल धरना-प्रदर्शन की रूपरेखा तय करना था। यह विरोध-प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड को लागू किए बिना जातिगत जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ होगा।


केंद्र सरकार की आदिवासी विरोधी नीति के खिलाफ झामुमो का आक्रोश

बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष एजाजुल इस्लाम ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है, जो झामुमो की वर्षों पुरानी मांग रही है। परंतु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड सरकार द्वारा विधानसभा से पारित सरना धर्म कोड विधेयक को केंद्र द्वारा अब तक स्वीकृति नहीं दी गई है। यह केंद्र की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। झामुमो ने स्पष्ट किया कि जब तक आदिवासी धर्म कोड को मान्यता नहीं दी जाती, तब तक झारखंड में जातिगत जनगणना नहीं होने दी जाएगी।


आदिवासी पहचान और अधिकार के लिए झामुमो का संघर्ष

जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली ने अपने संबोधन में कहा कि झामुमो का संघर्ष आदिवासियों की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने सरना धर्म कोड को झारखंड विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा था, लेकिन आज तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह “मुँह में राम, बगल में छुरी” वाली राजनीति कर रही है, जिसे झामुमो कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।


9 मई को विशाल प्रदर्शन में जनसैलाब जुटाने की अपील

जिला उपाध्यक्ष हरिवंश चौबे ने बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं से अपील की कि आगामी 9 मई को होने वाले धरना-प्रदर्शन में भारी संख्या में शामिल हों और आदिवासी धर्म कोड की मांग को मजबूती से उठाएं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ झामुमो का नहीं बल्कि आदिवासी समाज के अस्तित्व और सम्मान की लड़ाई है।


झामुमो राज्यव्यापी विरोध को दे रहा है धार

जिला सचिव माईकल मुर्मू ने कहा कि झामुमो यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा कि राज्य में बिना आदिवासी धर्म कोड के जातिगत जनगणना की जाए। उन्होंने ऐलान किया कि झामुमो पूरे राज्य में कड़ा विरोध करेगा और केंद्र की नीतियों का विरोध दर्ज कराएगा


प्रखंड से लेकर नगर स्तर तक कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी

इस बैठक में जिले भर से झामुमो के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक को पीटर मुर्मू (जिला उपाध्यक्ष), बाबुधन मुर्मू (जिला कोषाध्यक्ष), सुनील टुडू, पिंकी उपासना मरांडी, विकास मुर्मू, प्रतिमा पांडेय, जोसेफिना हेम्ब्रम समेत कई केंद्रीय सदस्यों ने संबोधित किया।


सभी प्रखंडों से कार्यकर्ता होंगे धरना में शामिल

मौके पर पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा, पाकुड़िया और महेशपुर प्रखंडों के अध्यक्ष और सचिव उपस्थित रहे। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों से सैकड़ों कार्यकर्ताओं को धरना प्रदर्शन में लाने की प्रतिबद्धता जताई।


मीडिया प्रभारियों और कार्यकर्ताओं की रही सशक्त उपस्थिति

बैठक में जिला मीडिया प्रभारी मनोज चौबे, आफताब आलम, एवं अन्य कार्यकर्ता जैसे जहूर आलम, मंटू भगत, नसीम अहमद, पतरास मरांडी, विनोद मरांडी, सुशीला देवी, अन्ना हेम्ब्रम, सुष्मिता मुर्मू, मीना मुर्मू, मंजर आलम समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए कमर कस ली है।


झामुमो का संकल्प: जब तक धर्म कोड नहीं, तब तक जनगणना नहीं

बैठक का समापन एक सशक्त संकल्प के साथ हुआ कि जब तक आदिवासी समाज को उसकी धार्मिक पहचान नहीं दी जाती, तब तक राज्य में जातिगत जनगणना का हरसंभव विरोध किया जाएगा। झामुमो ने यह भी कहा कि यह आंदोलन शांति, लोकतंत्र और संविधान के दायरे में रहकर किया जाएगा, लेकिन सरकार को आदिवासी समाज की आवाज सुननी ही होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments