पाकुड़। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के शुभ अवसर पर आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में विशेष स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस स्वच्छता अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के महत्व को समझाना और लोगों को स्वच्छता की ओर प्रेरित करना था।
स्वच्छता: एक सेवा और जिम्मेदारी
कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने कहा कि, “स्वच्छता एक सेवा है और इसे हमारी दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना आवश्यक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। इस अभियान के तहत पाकुड़ व्यवहार न्यायालय परिसर में साफ-सफाई की गई। न्यायालय परिसर में चारों ओर सफाई की पहल की गई और सभी न्यायालय कर्मियों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
न्यायालय परिसर की साफ-सफाई
स्वच्छता अभियान के दौरान पाकुड़ व्यवहार न्यायालय परिसर की विशेष सफाई की गई। न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान में जुटे और न्यायालय परिसर को स्वच्छ बनाने में योगदान दिया। प्रधान न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने बताया कि साफ-सफाई न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने सभी को नियमित तौर पर सफाई के प्रति सजग रहने की अपील की।
महत्वपूर्ण अधिकारियों की भागीदारी
इस विशेष स्वच्छता अभियान में न्यायपालिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिल्पा मुर्मू, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, सचिव अजय कुमार गुड़िया, और अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक समेत कई महत्वपूर्ण अधिकारी इस अभियान का हिस्सा बने। सभी अधिकारियों ने मिलकर परिसर की सफाई में योगदान दिया और स्वच्छता के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
पैरा लीगल वॉलिंटियर्स और अधिवक्ताओं का योगदान
न्यायालय के अधिकारियों के साथ-साथ पैनल अधिवक्ता और पैरा लीगल वॉलिंटियर्स ने भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल परिसर की सफाई की, बल्कि स्वच्छता के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि हमें अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
महात्मा गांधी और स्वच्छता
कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के विचारों और उनके स्वच्छता के प्रति दृष्टिकोण को भी स्मरण किया गया। महात्मा गांधी ने हमेशा स्वच्छता को स्वतंत्रता से जोड़ा था और कहा था कि स्वच्छता आध्यात्मिकता का अभिन्न हिस्सा है। न्यायालय के अधिकारियों ने गांधीजी के विचारों को प्रेरणा मानते हुए इस अभियान को और भी प्रभावी बनाने का संकल्प लिया।
भविष्य के लिए संकल्प
कार्यक्रम के अंत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह के अभियान हमारे समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे नियमित तौर पर अपने कार्यस्थल और आस-पास की जगहों को स्वच्छ रखें। साथ ही, न्यायालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अभियान को निरंतर जारी रखने का भी निर्देश दिया गया।
इस प्रकार, आज का यह स्वच्छता अभियान न केवल गांधी और शास्त्री जयंती के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, बल्कि यह समाज में स्वच्छता की अलख जगाने का एक प्रभावी प्रयास भी था।