Thursday, January 9, 2025
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समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचने का प्रयास: 90 दिवसीय जागरूकता एवं संपर्क अभियान का शुभारंभ

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पाकुड़। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए, शेषनाथ सिंह ने 90 दिवसीय जागरूकता एवं संपर्क अभियान की शुरुआत की। यह अभियान समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचने की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, कैदी, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समुदाय शामिल हैं। झारखंड उच्च न्यायालय के संरक्षक और मुख्य न्यायाधीश तथा झालसा के कुशल नेतृत्व में इस अभियान को पूरे झारखंड के गांवों और कस्बों तक ले जाने का लक्ष्य है।

प्रभात फेरी का आयोजन और शुभारंभ

इस अभियान की शुरुआत कानूनी जागरूकता संदेशों के साथ प्रभात फेरी निकालकर की गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए, शेषनाथ सिंह द्वारा प्रभात फेरी को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया, जिसमें विभिन्न न्यायिक अधिकारियों, पीएलवी, न्यायालय कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में सुधांशु कुमार शशि (पारिवारिक न्यायाधीश), कुमार क्रांति प्रसाद (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिल्पा मुर्मू, अजय कुमार गुरिया (सचिव डीएलएसए), और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे।

अभियान के उद्देश्य और प्रमुख गतिविधियां

शेषनाथ सिंह ने कहा इस 90 दिवसीय अभियान का मुख्य उद्देश्य झारखंड के हर गांव और कस्बे में लोगों तक कानूनी जागरूकता पहुंचाना है। अभियान के दौरान निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:

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  1. डोर-टू-डोर जागरूकता: जिले के सभी गांवों और कस्बों में लोगों तक कानूनी सहायता पहुंचाने का प्रयास होगा।
  2. कानूनी सेवा शिविर: जिला प्रशासन के सहयोग से हर डीएलएसए कानूनी सेवा शिविर आयोजित करेगा।
  3. प्रदर्शनी का आयोजन: नालसा और झालसा की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
  4. स्कूल-कॉलेज गतिविधियां: निबंध, पेंटिंग, और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं होंगी। विजेता छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
  5. रेडियो और टीवी पर वार्ता: नियमित आधार पर कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए वार्ता आयोजित की जाएगी।
  6. नुक्कड़ नाटक और लघु फिल्में: बाल विवाह, साइबर अपराध, नशीली दवाओं के खतरे, और जादू टोना जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए नाटकों और फिल्मों का निर्माण होगा।

कैदियों पर विशेष ध्यान
अभियान के दौरान जेलों में विशेष ध्यान दिया जाएगा।

  • कैदियों से बातचीत और कानूनी सहायता: जेल में बंद प्रत्येक कैदी से संवाद किया जाएगा और उन्हें कानूनी सहायता मुहैया कराई जाएगी।
  • विशेष परिस्थितियों के कैदी: ऐसे कैदी जिन्हें जमानत मिल चुकी है लेकिन आर्थिक कारणों से जेल में हैं, उनकी मदद की जाएगी।
  • महिला और बच्चों वाले कैदी: गर्भवती महिला कैदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।
  • जेल टीम का गठन: डीएलएसए द्वारा जेल टीम बनाई जाएगी, जो दिन-प्रतिदिन जेलों का दौरा करेगी और कैदियों की समस्याओं का समाधान करेगी।

क्षेत्रीय भाषा में जागरूकता सामग्री का वितरण

डीएलएसए क्षेत्रीय भाषा में कानूनी जागरूकता सामग्री तैयार करेगा और इसे अभियान के दौरान वितरित करेगा। नालसा और झालसा के कामकाज, कार्यप्रणाली, और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए सामग्री तैयार की जाएगी।

वंचित समुदायों के लिए विशेष कार्यक्रम

एसटी/एससी, दिव्यांग बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं, और एलजीबीटी समुदाय जैसे वंचित वर्गों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कानूनी सेवा शिविर और अन्य जागरूकता कार्यक्रम

अभियान के अंतर्गत प्रत्येक डीएलएसए कानूनी सेवा शिविर आयोजित करेगा, जहां नागरिकों को उनके अधिकार और कानूनी सहायता के उपायों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही, अभियान के दौरान नालसा के निर्देशानुसार रेडियो और टेलीविजन पर जागरूकता सत्र होंगे।

90 दिवसीय जागरूकता एवं संपर्क अभियान झारखंड के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता और सहायता पहुंचाने के लिए एक अभूतपूर्व कदम है। इस अभियान के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास किया जाएगा। डीएलएसए और अन्य हितधारकों के सहयोग से यह अभियान न्याय और सहायता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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