Monday, June 9, 2025
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सरकारी नौकरी छोड़ इस शिक्षक ने शुरू की खेती, उगाई ये सब्जी, दूसरों को भी दी जॉब

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प्रिंस कुमार/बांका: कहते हैं कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. इंसान अगर पूरी शिद्दत से मेहनत करता है तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. बांका जिला अंतर्गत रजौन के रहने वाले प्रीमत कुमार इसका बड़ा उदाहरण हैं. एक समय प्रीतम कुमार शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षक (असिस्टेंट ऑडियोलॉजिस्ट ऑफ स्पीच थिरेपिस्ट) के पद पर तैनात थे.

मगर, अपना काम शुरू करने की इच्छा के चलते उन्होंने 2016 में अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और मशरूम की खेती में अपनी किस्मत आजमाई. शुरुआत में उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, मगर उन्होंने हार नहीं मानी. अंततः उनकी मेहनत रंग लाई. उनका बिजनेस चल पड़ा है.

उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि वह अब पूरे जिले में मशरूम की खेती के लिए जाने जाते हैं. प्रीतम न सिर्फ मशरूम के काम से सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. बल्कि, बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से भी जोड़ रहे हैं.

पिता ने किया सहयोग
प्रीतम ने बताया कि उनके पिता नागेश्वर पासवान यूको बैंक में दफ्तरी के रूप में कार्यरत थे. अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनका काफी सहयोग मिला. प्रीतम ने बताया कि दो साल पुराना मशरूम प्लांट है, जब इसको शुरू किया तो 70 से 80 लाख लागत आई थी. साथ ही 200 से 400 केजी मशरूम उत्पादन की क्षमता वाला शेड बनाया है.

300 रुपये किलो में बिक्री
आगे बताया कि एक केजी मशरूम तैयार करने में 100 से 125 रुपये खर्च आता है, जबकि बाजार में 300 रुपये किलो में बिक जाता है. खुदरा व्यापार करने के बजाय थोक में व्यापारी को मशरूम उपलब्ध कराते हैं. बताया कि एक केजी मशरूम बेचने पर किसानों को लागत से आधी की बचत हो जाती है.

हर माह तीन से चार लाख की कमाई
प्रीतम ने बताया कि अगर कोई किसान मशरूम की खेती करने की सोच रहा है तो उन्हें बेझिझक खेती करनी चाहिए, क्योंकि मशरूम की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कभी-कभी तो ऐसा होता है कि डिमांड के अनुरूप मशरूम व्यापारी को उपलब्ध नहीं करा पाते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि आसपास के इलाके में मशरूम की सीमित खेती होती है. प्रीतम ने बताया कि मशरूम की खेती कर तीन से चार लाख की कमाई हर माह आसानी से कर ले रहे हैं.

दूसरों को भी दिया रोजगार
बताया कि 8 से 10 लोग प्रत्येक दिन उनके यहां काम भी करते हैं. उनके परिवार का जीवन-यापन भी इसी से चलता है. मशरूम की खेती करने में किसानों को मूल रूप से तापमान का ध्यान रखना आवश्यक होता है. अगर तापमान पर ध्यान न दें तो मशरूम की खेती करना संभव नहीं है. ऐसा इसलिए की मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान रखना अति आवश्यक होता है.

Tags: Banka News, Bihar News, Local18, Success Story

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