पाकुड़। जिले में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण और स्कूली छात्राओं के बीच कानूनी जागरूकता फैलाना था। नवीनगर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आयोजित इस अभियान का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में किया गया।
सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता का अभियान
अभियान के दौरान अमूल्य रत्न रविदास, चंद्र शेखर घोष, और विजय राजवंशी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम को संचालित किया। इन विशेषज्ञों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे बाल श्रम, बाल विवाह, घरेलू हिंसा, साइबर ठगी, और शिक्षा के अधिकार के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया। ग्रामीणों और छात्राओं को इन मुद्दों से संबंधित कानूनी प्रावधानों और सहायता सेवाओं की जानकारी दी गई।
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निशुल्क कानूनी सहायता पर जोर
कार्यक्रम में बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जरूरतमंद और वंचित वर्गों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। वक्ताओं ने ग्रामीणों को यह भी समझाया कि कैसे वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और किसी भी कानूनी समस्या के समाधान के लिए प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, साइबर ठगी से बचाव के उपाय, बाल श्रम और बाल विवाह की कानूनी रोकथाम पर विशेष जोर दिया गया।
छात्राओं के बीच विशेष सत्र
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आयोजित सत्र में छात्राओं को उनके अधिकारों और कानूनी सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें शिक्षा के अधिकार, बाल विवाह के खतरों, और घरेलू हिंसा से बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई। इस दौरान, छात्राओं को साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन खतरों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता का प्रसार
नवीनगर पंचायत के ग्रामीणों को उनके मौलिक अधिकारों और सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी दी गई। बाल श्रम और बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ कानून और इनसे बचाव के उपायों के बारे में बताया गया।
समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जो समाज के विभिन्न वर्गों को उनके अधिकारों और कानूनी सहायता के साधनों से परिचित कराने के लिए आयोजित किया गया। इस पहल से ग्रामीणों और छात्राओं में स्वतंत्रता, न्याय और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
भविष्य की ओर कदम
कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सक्षम और जागरूक नागरिक बनाना था। इस प्रकार के अभियान सामाजिक सुधार और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहे हैं। नब्बे दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों और छात्राओं को जो कानूनी जानकारी दी गई, वह उन्हें उनके जीवन में हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी।