पाकुड़। सदर अस्पताल और प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाजरत दो मरीज, नेली टुडू और शाहिदा बीवी, गंभीर स्थिति में थीं। नेली टुडू के शरीर में बी पॉजिटिव और शाहिदा बीवी के शरीर में ओ पॉजिटिव रक्त की भारी कमी थी। इस कारण उनके इलाज में बाधाएं आ रही थीं। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि मरीजों की जान बचाने के लिए तत्काल रक्त की आवश्यकता है।
लाइफ सेवियर्स समूह ने संभाली जिम्मेदारी
लाइफ सेवियर्स समूह, जो रक्तदान के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद के लिए सक्रिय रहता है, ने इस मामले में तुरंत पहल की। समूह के मीडिया प्रभारी मोईदुल इस्लाम और सक्रिय सदस्य ऐसारुद्दिन शेख ने मरीजों के लिए आवश्यक रक्त की व्यवस्था करने का निर्णय लिया। उन्होंने समूह के अन्य सदस्यों से संपर्क किया, लेकिन जब तत्काल रक्तदाता उपलब्ध नहीं हो सके, तो दोनों ने स्वयं रक्तदान करने का निश्चय किया।
रक्त अधिकोष में हुआ रक्तदान
मोईदुल इस्लाम और ऐसारुद्दिन शेख ने पाकुड़ के रक्त अधिकोष में पहुंचकर बारी-बारी से रक्तदान किया। रक्तदान की प्रक्रिया पूरी होते ही रक्त को तुरंत दोनों मरीजों तक पहुंचाया गया। इस प्रयास के बाद नेली टुडू और शाहिदा बीवी का इलाज सुचारू रूप से शुरू हो सका।
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मरीजों के परिवारों ने व्यक्त किया आभार
रक्त मिलने के बाद दोनों मरीजों की हालत में तेजी से सुधार हुआ। मरीजों के परिजनों ने लाइफ सेवियर्स समूह और रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समूह ने जिस त्वरितता और समर्पण से यह मदद की, वह अनुकरणीय है।
चौथी बार किया रक्तदान
मोईदुल इस्लाम और ऐसारुद्दिन शेख ने बताया कि यह उनका चौथी बार रक्तदान था। उन्होंने कहा कि रक्तदान का महत्व तब समझ आता है, जब कोई मरीज जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा होता है। उन्होंने अन्य लोगों से भी नियमित रूप से रक्तदान करने की अपील की।
रक्त अधिकोष के कर्मचारी रहे उपस्थित
रक्तदान की प्रक्रिया के दौरान रक्त अधिकोष के कर्मचारी नवीन और पीयूष उपस्थित रहे। उन्होंने रक्तदान की प्रक्रिया को सुचारू और सुरक्षित तरीके से संपन्न करवाया। कर्मचारियों ने कहा कि रक्त अधिकोष में रक्त की उपलब्धता बनाए रखने के लिए नियमित रक्तदान बेहद जरूरी है।
संदेश: रक्तदान है महादान
लाइफ सेवियर्स समूह के इस प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में मानवीयता और सेवा की भावना आज भी जीवित है। समय पर रक्त की उपलब्धता कई बार मरीजों के लिए जीवन और मृत्यु का प्रश्न बन जाती है। इस घटना ने यह भी संदेश दिया कि रक्तदान न केवल एक जिम्मेदारी है, बल्कि यह जीवन बचाने का सबसे बड़ा माध्यम भी है।
लाइफ सेवियर्स समूह के प्रयास और मोईदुल इस्लाम व ऐसारुद्दिन शेख के समर्पण ने नेली टुडू और शाहिदा बीवी की जान बचाई। यह घटना समाज में एकता और मानवता की भावना को उजागर करती है। नियमित रक्तदान को प्रोत्साहित करना और इसके प्रति जागरूकता फैलाना आज की महती आवश्यकता है, ताकि किसी भी जरूरतमंद को रक्त की कमी के कारण अपनी जान न गंवानी पड़े।