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आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. पश्चिम चम्पारण जिले में अब मधुमक्खियों के वैक्स से लिप केयर और अन्य कॉस्मेटिक आइटम बनाए जा रहे हैं. दरअसल, जिले में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व और सरैयामन पक्षी विहार में खास तरीके से बी फार्मिंग की जा रही है. इससे मधुमक्खियों को बिना नुकसान पहुंचाए शुद्ध और अलग-अलग स्वाद वाले शहद की हार्वेस्टिंग तो की ही जा रही है, साथ में मधुमक्खियों से मिलने वाले वैक्स का इस्तेमाल स्किन केयर प्रोडक्ट बनाने में किया जा रहा है.
खास बात यह है कि बी वैक्स से बनाए जाने वाले ये प्रोडक्ट्स पूरी तरह से नेचुरल और असरदार हैं. फिलहाल वैक्स से लिप केयर को तैयार किया जा चुका है, जो वन विभाग के उच्च अधिकारियों और ट्रेनर द्वारा ट्रायल की अवस्था में हैं.
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आदिवासियों से मिली प्रेरणा
चम्पारण के जंगलों में ही रहे मधुमक्खी पालन में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रेनर शुभम शरण ने बताया कि बी वैक्स से स्किन केयर प्रोडक्ट्स बनाने की प्रेरणा जंगलों में रह रहे थारू समाज के लोगों से मिली. दरअसल, वीटीआर से सटे क्षेत्रों में रह रहे थारू समाज के आदिवासी लोग सदियों से मधुमक्खियों के वैक्स का इस्तेमाल मोमबत्ती बनाने में करते हैं.
इसके अलावा वे बी वैक्स का इस्तेमाल त्वचा एवं आंखों की सुरक्षा के लिए कई तरह से इस्तेमाल करते हैं. खास बात यह है कि उनके ये नुस्खे बेहद ही असरदार साबित होते है. ऐसे में उनसे प्रेरित होकर और उनका मार्गदर्शन लेकर वीटीआर में बी वैक्स से स्किन केयर प्रोडक्ट का निर्माण किया जा रहा है.
बी वैक्स से बनकर तैयार हुआ लिप केयर
शुभम ने बताया कि फिलहाल, मधुमक्खियों के मोम से लिप केयर बनाया गया है, जो वन विभाग के उच्च अधिकारियों, ट्रेनर और एक्सपर्ट्स के बीच ट्रायल में है. इस प्रोडक्ट की खास बात यह है कि जिस नुस्खे पर इसे तैयार किया गया है, उसका उपयोग जंगल में रहने वाले आदिवासी सैकड़ों वर्षों से करते आ रहे हैं. ऐसे में इसकी क्वालिटी पर तो कोई सवाल खड़ा ही नहीं होता. लेकिन बात रही इसके लैब टेस्ट की, तो ट्रायल पूरा होने के बाद बाजार में उतारने से पहले इसपर हर प्रकार की जांच कराई जाएगी.
प्राकृतिक चीजों से तैयार हुआ लिप केयर
बकौल शुभम, जंगल में पालन की जाने वाली मधुमक्खियों से प्राप्त मोम से जिस लिप केयर को बनाया गया है, वह बेहद ही खास है. दरअसल, इसमें वैक्स के साथ नियत मात्रा में नारियल का तेल, शिया बटर और विटामिन ई का इस्तेमाल किया जाता है. इसे कुछ इस तरह से तैयार किया जाता है कि यह कभी खराब न हो. समझने वाली बात यह है कि ट्रायल के बाद जरूरत पड़ने पर इसमें अन्य नेचुरल इंग्रिडियंट्स को भी मिलाया जा सकता है.
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Tags: Bihar News, Champaran news, Local18
FIRST PUBLISHED : August 11, 2023, 16:19 IST
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