Monday, November 25, 2024
HomePakurलुत्फुल हक को दुबई में मिला सबसे प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता का अवार्ड

लुत्फुल हक को दुबई में मिला सबसे प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता का अवार्ड

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

पाकुड़। मशहूर समाजसेवी लुत्फुल हक को दुबई के एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में वर्ष 2024 का सबसे प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता का अवार्ड दिया गया। उन्हें यह सम्मान दुबई के पांच सितारा होटल में आयोजित इंडो अरब लीडर्स समिट एंड अवार्ड 2024 के दौरान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में हक को मुख्य अतिथियों के हाथों से सम्मानित किया गया, जिसमें यूएई के पूर्व मंत्री डॉक्टर मोहम्मद सईद अल किंदी, भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, बिहार के केबिनेट मंत्री अशोक चौधरी, और दुबई चेम्बर के अध्यक्ष एवं सीईओ मोहम्मद अली रशीद लूटाह शामिल थे। इसके अलावा, बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक कुमार सानू ने भी उन्हें सम्मानित किया।

समाजसेवी लुत्फुल हक की काबिल-ए-तारीफ सेवाएं

IMG 20240930 WA0014

इस सम्मान समारोह में अतिथियों ने लुत्फुल हक के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि झारखंड के पाकुड़ शहर से निकलकर उन्होंने जिस तरह गरीबों, जरूरतमंदों की निःस्वार्थ सेवा की है, वह एक मिशाल है। जाति-मजहब से ऊपर उठकर बिना किसी भेदभाव के समाज सेवा करना उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य रहा है। उन्होंने यह साबित किया है कि सच्ची सेवा का कोई मोल नहीं होता, और इसे बिना किसी स्वार्थ के किया जाना चाहिए।

इंडो अरब लीडर्स समिट एंड अवार्ड 2024

इस समिट में भारत के विभिन्न राज्यों के 50 प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इन व्यक्तियों में देश के मशहूर डॉक्टर, व्यापारी, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, इंजीनियर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे। लुत्फुल हक को उनकी समाजसेवा के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया। इस कार्यक्रम ने भारत और दुबई के संबंधों को और भी सुदृढ़ करने का कार्य किया है, जहां भारतीयों की उपलब्धियों को सम्मानित किया गया।

लुत्फुल हक की प्रेरणादायक यात्रा

लुत्फुल हक का जन्म पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित ओदित्य नगर में हुआ था। वे एक गरीब परिवार से थे, जहां जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ता था। गरीबी इतनी थी कि अगर दोपहर का भोजन कर लिया जाता, तो रात के खाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। इसी संघर्ष के बीच उन्होंने बंगाल छोड़कर पाकुड़ का रुख किया। वहाँ उन्होंने परिवार को चलाने के लिए एक छोटी सी किताब की दुकान शुरू की।

हालांकि पढ़ाई-लिखाई से दूर रहने के बावजूद उन्होंने किताबों की बिक्री शुरू की। जब किताबों की बिक्री से पर्याप्त आमदनी नहीं हो पाई, तो उन्होंने पत्थर खदानों और क्रेशर में मजदूरी शुरू कर दी। उनकी मेहनत और ईमानदारी ने उन्हें पाकुड़ के सबसे बड़े पत्थर व्यवसायी के रूप में पहचान दिलाई। आज वे झारखंड सरकार को सबसे अधिक टैक्स देने वालों में से एक हैं।

समाज सेवा का सफर

लुत्फुल हक सिर्फ एक सफल व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील समाजसेवी भी हैं। पिछले डेढ़ साल से वह रेलवे स्टेशन पर गरीब और जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन करा रहे हैं। कोरोना काल में जब देश संकट में था, तब उन्होंने सबसे अधिक राशन बांटा, जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया कराए, और ठंड के मौसम में गरीबों को कंबल बांटे। पर्व-त्योहारों पर वे हमेशा उदारतापूर्वक सहयोग करते हैं और समाज की भलाई के लिए आगे बढ़ते हैं।

अवार्ड मिलने के बाद लुत्फुल हक की प्रतिक्रिया

अवार्ड मिलने के बाद लुत्फुल हक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका उद्देश्य समाज के गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन उनके पास दर्जनों फरियादी आते हैं, और वे कभी भी किसी को खाली हाथ नहीं लौटाते। कई बार जब उनके पास पैसे नहीं होते, तो वे दूसरों से मदद लेकर भी गरीबों की मदद करते हैं। उनका मानना है कि गरीबों की मदद करने से कभी कोई कमी नहीं आती

उन्होंने इस सम्मान को अपनी निःस्वार्थ सेवा का प्रतिफल बताया और कहा कि यह उनकी सेवा की वजह से ही है कि उन्हें न केवल अपने देश में, बल्कि विदेशों में भी सम्मान मिल रहा है। लुत्फुल हक की यह यात्रा न केवल एक सफल व्यवसायी की कहानी है, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी की प्रेरणादायक कहानी भी है, जिसने समाज की बेहतरी के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments