सावन का महीना शुरू होने में महज एक दिन बाकी रह गया है. इस साल 2 माह का सावन लगने जा रहा है. आपको बता दें कि लोगों के मन में एक सवाल जरूर आ रहा है आखिर क्यों 2 माह का सावन लग रहा है. इस बार सावन में मलमास लग रहा है. इसलिए सावन दो माह का हो रहा है. पौराणिक काल से चलती आ रही एक मान्यता है कि मलमास में भगवान अपने मंदिर को छोड़ कहीं चले जाते हैं. जिस वजह से लोग मलमास में पूजा बंद कर देते हैं. हालांकि इससे जुड़ी कई कहानियां हैं. आइए जानते है अजगैबीनाथ के मठाधीश से.
कई मान्यताएं हैं लेकिन अजगैबीनाथ के मठाधीश प्रेमानंदगिरी की माने तो ऐसा नहीं है कि भगवान मलमास में नहीं रहते हैं. उन्होंने बताया की मलमास माह भगवान विष्णु को बहुत प्यारा होता है. इसलिए इस माह में भगवान विष्णु की पूजा होती है. उन्होंने बताया कि लोग कहते हैं मलमास में भगवान मंदिर में नहीं रहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. इन मास में सभी भक्त ही भगवान विष्णु के पूजा में लीन हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस मास का बहुत महत्व है. इसमें भगवान की आराधना करने से अटका हुआ काम पूरा होता है. इसमें अधिक माह होता है इसलिए मलमास कहा जाता है.
कोई भी शुभ कार्य न करें
महंत ने बताया कि ये महीना अपने आप को बदलने का है. भक्ति में ढालने के लिए होता है. इस माह में शुभ कार्य करने से अनहोनी होती है. महंत ने बताया कि भगवान भोले को जल में बेलपत्र देकर अर्पण करने से लाभ होता. उन्होंने बताया कि इस बार अलग-अलग माह में मलमास लगने जा रहा है. 15 दिन जुलाई तो 15 दिन अगस्त में मलमास रहेगा. इस माह में शादी, नए घर की बनाने की शुरुआत, पुराने घर की मरम्मती, जनेऊ के साथ अन्य कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इससे आपके साथ बुरा हो सकता है. ऐसा कहा जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु विश्राम करने चले जाते हैं. इसलिए इस माह में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है.
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सावन क्यों है बाबा को प्रिय
कभी आपके मन में भी एक सवाल आया होगा. आखिर सावन मास ही भगवान शिव को क्यों प्यारा है. आपको बता दें कि सावन में भगवान भोले विषपान किए थे. कहा जाता है कि श्रद्धालु ऐसा मानते हैं कि इस माह भगवान भक्तों पर विशेष कृपा बरसातें हैं. इसलिए सावन में सभी श्रद्धालु बाबा को जल चढ़ाते हैं.
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