गौसेवा के माध्यम से समाजसेवा का अनूठा उदाहरण
पाकुड़:
अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति, पाकुड़ शाखा ने एकादशी के पावन अवसर पर समाजसेवा की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल की। समिति की महिलाओं ने नवीन गौशाला में पहुँचकर वहां रह रही लगभग 170 वृद्ध गौ माताओं की सेवा की। यह गौ माताएं अब दूध नहीं देतीं और वृद्धावस्था में हैं, ऐसे में उनकी देखभाल और सेवा की अत्यधिक आवश्यकता है। समिति की महिलाओं ने इस जिम्मेदारी को समझते हुए पूरे समर्पण और भावनात्मक लगाव के साथ सेवा कार्य किया।
गौ माताओं को कराया पौष्टिक एवं प्रेमपूर्ण भोजन
एकादशी के दिन दोपहर 3:30 बजे, समिति की सदस्यों ने गौशाला पहुंचकर गौ माताओं को रोटियां, चना, गुड़, 25 दर्जन केले, तथा हरी व पत्तेदार सब्जियां खिलाई। यह भोजन संतुलित, पौष्टिक और स्वादिष्ट था, जिसे गौ माताओं ने संतोष और प्रसन्नता के साथ ग्रहण किया। वहां उपस्थित महिलाओं ने बताया कि जैसे वृद्धजनों की सेवा मानवता का कर्तव्य होती है, वैसे ही वृद्ध हो चुकी इन गौ माताओं की सेवा भी हमारा धार्मिक और नैतिक दायित्व है। इस सेवा कार्य में सभी ने पूरे मनोयोग और श्रद्धा से सहभागिता निभाई।
हनुमान मंदिर में पौधारोपण और पुजारन से भेंट
गौशाला के समीप स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भी समिति की सभी सदस्याएं पहुंचीं। वहां उन्होंने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यह कार्य न केवल धार्मिक स्थल को हराभरा बनाने की दिशा में एक कदम था, बल्कि पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देने का भी प्रतीक बना। मंदिर में रहने वाली वृद्ध पुजारन समिति की इस सामाजिक भावना और सेवाभाव से अत्यंत प्रसन्न हुईं। उन्होंने समिति की महिलाओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “आप सभी इसी तरह सामाजिक कार्यों में संलग्न रहें, यही सच्ची सेवा है।”
समिति की सक्रिय भूमिका और नेतृत्व
इस अवसर पर समिति की अध्यक्ष चन्दा अग्रवाल, सचिव रेनू टिंबरेवाल, तथा कोषाध्यक्ष क्षमा टीबड़ेवाल ने बताया कि संस्था का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की जरूरतमंद संस्थाओं और व्यक्तियों की सहायता करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में समिति और भी अनेक सामाजिक, पर्यावरणीय और सेवा कार्यों को अंजाम देगी। उनकी यह सोच समर्पित महिला नेतृत्व का प्रतीक है जो संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देती है।
समाज को मिला सेवा और समर्पण का संदेश
इस आयोजन ने गौसेवा, वृद्धजन सेवा और पर्यावरण संरक्षण के तीनों आयामों को एक साथ जोड़कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो समाज को प्रेरणा देता है। समाज में ऐसे पहल दिखाते है कि अगर संगठित रूप से महिलाएं आगे आएं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला समिति की यह पहल वास्तव में समर्पण, सहयोग और संवेदना की मिसाल बन गई है।