Monday, November 25, 2024
HomePakurराष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सामूहिक जागरूकता कार्यक्रम

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर सामूहिक जागरूकता कार्यक्रम

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
rajkumar bhagat photo

पाकुड़। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर पाकुड़ के विभिन्न विद्यालयों में बच्चों को कृमि नाशक दवा “एल्बेंडाजोल” खिलाई गई। इस अवसर पर ओपेन स्काई स्मार्ट स्कूल, बाल विद्यापीठ, एस एच एम पब्लिक स्कूल, नवीन युग विद्यालय, ज्ञान निकेतन शिक्षण संस्थान, ब्लू बर्ड्स पब्लिक स्कूल, द्रोणा बचपन स्कूल, बापू शिक्षण संस्थान, एलिट पब्लिक स्कूल, वेथास्डा मिशन स्कूल, संत पॉल विद्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर, वैथनी मिशन स्कूल, और संत जोसफ विद्यालय सहित कई प्रतिष्ठित विद्यालयों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। बच्चों को शिक्षकों की निगरानी में दवा खिलाई गई और कृमि संक्रमण से होने वाले नुकसान और इसके निवारण के लाभों पर विस्तार से जानकारी दी गई।

IMG 20240920 WA0002

कृमि संक्रमण से होने वाले नुकसान

बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्राचार्यों और निदेशकों ने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। पेट में कृमि होने से बच्चों को भूख नहीं लगती, और जो भी भोजन वे करते हैं, उसका पूरा लाभ उनके शरीर को नहीं मिल पाता। इससे खून की कमी (अनीमिया), पेट दर्द, उल्टी, और दस्त जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। लंबे समय तक कृमि की उपस्थिति से बच्चों का वजन कम हो जाता है और वे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। इस कारण उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनकी पढ़ाई में भी ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता।

IMG 20240920 WA0004

कृमि नाशक दवा ‘एल्बेंडाजोल’ की सुरक्षा और लाभ

कृमि नाशक दवा “एल्बेंडाजोल” के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावशाली है, और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मान्यता प्राप्त है। विद्यालय के निदेशकों ने बताया कि इस दवा का सेवन करने से पेट में मौजूद कृमियों का नाश होता है और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसके साथ ही, बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ती है और वे अधिक सक्रिय रहते हैं। दवा के नियमित सेवन से बच्चों का भूख बढ़ती है, जिससे उनका शारीरिक विकास सुचारू रूप से होता है।

स्वच्छता के महत्व पर जोर

IMG 20240920 WA0007

इस अवसर पर बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में भी जागरूक किया गया। सभी विद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि कृमि संक्रमण से बचाव के लिए नाखून हमेशा छोटे और साफ रखने चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को सिखाया गया कि साफ पानी पीना, खाने को ढक कर रखना, और फल एवं सब्जियाँ अच्छी तरह धोकर खाना बेहद जरूरी है। बच्चों को यह भी समझाया गया कि नंगे पैर नहीं चलना चाहिए और हमेशा जूते/चप्पल पहनकर रहना चाहिए। इसके साथ ही, खुले में शौच करने से बचने और शौचालय का उपयोग करने की सलाह दी गई, ताकि कृमि संचरण चक्र को रोका जा सके।

27 सितंबर को मॉप-अप दिवस की घोषणा

कार्यक्रम में उन बच्चों के लिए भी व्यवस्था की गई थी जो किसी कारणवश 20 सितंबर को दवा नहीं ले पाए। विद्यालय प्रबंधन ने घोषणा की कि 27 सितंबर 2024 को मॉप-अप दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें छुटे हुए बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे इस दिन बच्चों को विद्यालय भेजें ताकि कोई भी बच्चा कृमि नाशक दवा लेने से वंचित न रह जाए।

अभिभावकों और शिक्षकों का सहयोग

कार्यक्रम की सफलता में अभिभावकों और शिक्षकों का विशेष योगदान रहा। उन्होंने बच्चों को न केवल दवा खिलाने में सहयोग किया, बल्कि उन्हें कृमि संक्रमण से जुड़ी जानकारी भी दी। सभी विद्यालयों के शिक्षकों ने बच्चों को समझाया कि कृमि संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और समय-समय पर कृमि नाशक दवा का सेवन अत्यंत आवश्यक है।

अभिभावकों से अपील की गई कि वे अपने बच्चों को स्वच्छता की आदतें सिखाएं और सुनिश्चित करें कि वे नियमित रूप से कृमि नाशक दवाओं का सेवन करें। कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शैक्षिक प्रदर्शन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, इसलिए अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

कार्यक्रम का उद्देश्य

इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाना और उन्हें स्वस्थ रखना, ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित हो सकें। कृमि नाशक दवा “एल्बेंडाजोल” के सेवन से बच्चों की भूख में सुधार, खून की कमी से बचाव, और कुपोषण से मुक्ति मिलती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी विद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षकों और अभिभावकों ने स्वास्थ्य जागरूकता की इस मुहिम की सराहना की और इसे भविष्य में भी जारी रखने का संकल्प लिया।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के इस विशेष कार्यक्रम ने पाकुड़ के कई विद्यालयों में बच्चों को कृमि संक्रमण के प्रति जागरूक किया और उन्हें स्वस्थ रहने के उपाय बताए। कृमि नाशक दवा “एल्बेंडाजोल” का नियमित सेवन बच्चों के स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। इस अवसर पर बच्चों को स्वच्छता, स्वस्थ खानपान, और स्वास्थ्य संबंधी आदतों के बारे में भी शिक्षित किया गया।

इस प्रकार, यह कार्यक्रम एक सफल प्रयास रहा, जिसमें बच्चों को कृमि संक्रमण से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ उनके बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments