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गौरव सिंह/भोजपुर. बिहार के आरा में महज 13 वर्ष की बच्ची अपने सुर और स्वर से बड़े-बड़े गायकों का पसीना छुड़ा रही है. आरा की रहने वाली आकांक्षा गुड्डू ओझा अपने संगीत के माध्यम से बनाई. इस छोटी उम्र में एक अलग पहचान हिंदी के क्लासिक गाना, परंपरागत भोजपुरी, गीता, मैथिली भाषा में गाना गाने महारथ हासिल है. इस बच्ची की तारीफ जितनी कि जाय वो कम है.
10वी में पढ़ती हैआकांक्षा
आकांक्षा मूल रूप से शाहपुर प्रखंड के पहरपुर के रहने वाले राकेश कुमार ओझा की पुत्री है. जो कि आरा के न्यू पुलिस लाइन के कश्यप नगर गली नम्बर 3 में रहती है. आकांक्षामहज 4 साल की उम्र से ही संगीत में रुचि रखती है. बिहार और भोजपुर के भोजपुरी गाना के माहौल से हट कर नए रास्ते पर चल रही है.
जुहू बीच पर छठ कार्यक्रम में सबको की थी हैरान
लोकल 18 से बात करते हुए आकांक्षा ने खुद के बारे में बताया कि वो चार साल की थी, तब से ही संगीत में उनकी रुचि है. लेकिन 8 साल की जब हुई तब से वो गाना के सुर सीखना शुरू की. उसी दौरान उसके संगीत गुरु ने उसको जुहू बीच पर होने वाले बिहारी फ्रंट के कार्यक्रम में भाग लेने को कहे तब वो मुंम्बई गई. छठ के कार्यक्रम में बड़े-बड़े गायकों के बीच लाखों लोगों के सामने जब उसने अपने गाने की प्रस्तुति की. तब हर कोई हैरान था और सभी लोग उसके बारे में चर्चा कर रहे थे.
लता मंगेश्कर जी है आदर्श
आकांक्षा फिलहाल संगीत के हर सुर और ताल को सिख रही है. कभी-कभी किसी बड़े प्रोग्राम में शिरकत कर खुद को निखारती है. अभी चुकी मैट्रिक परीक्षा देना है. जिस वजह से पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे रही है, लेकिन लता मंगेश्कर जी और श्रेया घोषाल जैसा बनने की इक्षा है.प्लेबैक सिंगर बन हिंदी संगीत की दुनिया में करियर बनाना चाहती है.
तीन भाषा में गाती हैं आकांक्षा
आकांक्षा मूल रूप से हिंदी, भोजपुरी परंपरागत गाना और मैथली भाषा में गाना गाती है और सीखती है. हिंदी गाना में जहां लता मंगेश्कर और श्रेया घोसाल को आदर्श मानती है, तो वहीं भोजपुरी में भरत शर्मा और विष्णु ओझा को मैथिली में मैथिली ठाकुर की गाना का रियाज करती है.
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Tags: Bhojpur news, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : July 14, 2023, 23:36 IST
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