फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन की पहल
पाकुड़। उपायुक्त मनीष कुमार ने फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन के लिए जिला स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक आयोजित की। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम और कालाजार उन्मूलन अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। 10 फरवरी से 25 फरवरी तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाने की योजना तैयार की गई, जिसमें दवा वितरण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पदाधिकारियों और कर्मियों को दिलाई गई शपथ
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बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन की शपथ दिलाई। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि जिले का हर नागरिक इस दवा का लाभ उठा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए और यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं दी जानी चाहिए।
फाइलेरिया: बीमारी और उपचार पर जानकारी
उपायुक्त ने बताया कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है जो बूचेरिया बैन्क्राफ्टी कृमि के कारण होती है। यह बीमारी प्रभावित अंगों जैसे हाथ और पैर को विकृत कर देती है, जिसे आमतौर पर “हाथीपांव” कहा जाता है। इसके उपचार के लिए डीईसी, आइवरमेक्टिन और एल्बेंडाजोल की खुराक का सेवन बेहद प्रभावी है। इन दवाओं का सही उपयोग फाइलेरिया के प्रसार को 80 से 90 प्रतिशत तक नियंत्रित कर सकता है।
दवा वितरण और बूथ निर्माण की रणनीति
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 10 फरवरी को बूथ डे मनाया जाएगा। इस दिन गांवों के स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायत भवनों, वार्ड कार्यालयों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों में बूथ बनाए जाएंगे। इसके बाद, 11 से 25 फरवरी तक कर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवा देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि दवा वहीं के वहीं खिलाई जाए। पेयजल और स्वच्छता विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग, नगर परिषद, स्कूली शिक्षा और पंचायती राज विभाग को इस अभियान में शामिल किया गया है।
कालाजार उन्मूलन पर जोर
बैठक में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कालाजार के मामलों की नियमित मानीटरिंग करने और मरीजों को संपूर्ण उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी 2025 से घर-घर कालाजार खोज अभियान शुरू किया जाएगा। चार प्रखंडों – पाकुड़, अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा और हिरणपुर में कालाजार के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और जिन लोगों को पंद्रह दिनों से अधिक बुखार हो, उनकी पहचान कर समय पर इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
बीमारी के खिलाफ जनजागरूकता
फाइलेरिया और कालाजार जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने जनजागरूकता और समय पर इलाज पर विशेष जोर दिया है। यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा बल्कि जिले को इन बीमारियों के प्रभाव से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों और कर्मियों से सामंजस्य बनाकर इन कार्यक्रमों को सफल बनाने की अपील की।
समग्र दृष्टिकोण
जिला प्रशासन की यह पहल फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों को जड़ से मिटाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इस अभियान के माध्यम से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम के लाभ से वंचित न रहे।