📍 रांची में हुआ प्रतिनिधिमंडल का शिष्टाचार भेंट
पाकुड़/साहिबगंज। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव तनवीर आलम के नेतृत्व में शेरशाहबादी डेवलपमेंट सोसाइटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा से रांची स्थित उनके आवास पर मुलाकात की।
इस भेंट का मुख्य उद्देश्य था — शेरशाहबादी समुदाय की जातीय पहचान से जुड़ी दीर्घकालिक समस्याओं पर मंत्री का ध्यान आकृष्ट करना और उनके शीघ्र समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह करना।
📜 ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में निवासरत शेरशाहबादी समाज के जातीय दर्जीकरण से जुड़ी विसंगतियों की ओर ध्यान दिलाया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि इन जिलों के कई परिवारों के खाता-खातियान में “शेख” के रूप में दर्जीकरण होना एक प्रशासनिक त्रुटि है। इस गलती के कारण शेरशाहबादी समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके परिणामस्वरूप, अनेक परिवार सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों, और आरक्षण के लाभों से वंचित रह जा रहे हैं।
🧾 राज्य स्तर पर जांच समिति के गठन की मांग
ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि राज्य सरकार को इस विषय पर एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करना चाहिए। समिति के माध्यम से समाज की वास्तविक पहचान और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का तथ्यात्मक अध्ययन किया जा सकेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी सुझाव दिया कि इस जांच के आधार पर प्रमाण पत्र निर्गमन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी नागरिक को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
🤝 मंत्री ने दिया आश्वासन, छठ पर्व के बाद होगी कार्रवाई
मंत्री चमरा लिंडा ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि छठ पर्व के उपरांत विभागीय समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी और आवश्यकतानुसार प्रशासनिक सुधारात्मक कदम उठाएगी, जिससे शेरशाहबादी समाज को न्याय मिल सके।
💬 तनवीर आलम ने जताई चिंता, कहा — “समाज पहचान के संकट से जूझ रहा है”
मुलाकात के दौरान तनवीर आलम ने कहा कि शेरशाहबादी समाज के लोग लंबे समय से सामाजिक पहचान और प्रमाणन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अभाव में कई छात्र एवं अभ्यर्थी जाति प्रमाण पत्र के अभाव में सरकारी योजनाओं, नौकरियों और छात्रवृत्तियों से वंचित हो रहे हैं।
आलम ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि इस विषय को मानवीय दृष्टिकोण से लेते हुए त्वरित समाधान किया जाए, ताकि समाज के लोग भी मुख्यधारा के विकास में समान रूप से सहभागी बन सकें।
👥 प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे कई समाजसेवी और कांग्रेस कार्यकर्ता
इस मुलाकात के अवसर पर गजनेफार इमाम उर्फ छोटू, दिलदार आलम, मो. आजमाइल, वसीम अकरम सहित शेरशाहबादी डेवलपमेंट सोसाइटी के कई सदस्य और कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सभी ने मंत्री के समक्ष एकजुटता दिखाते हुए इस मुद्दे के शीघ्र और न्यायसंगत समाधान की अपेक्षा व्यक्त की।
🌟 आशा की किरण — सरकार की पहल से खुल सकती है राहत की राह
मंत्री के आश्वासन के बाद शेरशाहबादी समाज में एक नई उम्मीद की लहर देखने को मिली है। समुदाय के लोगों का कहना है कि यदि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाती है तो लाखों परिवारों को सामाजिक और प्रशासनिक न्याय प्राप्त होगा।
अब सबकी निगाहें छठ पर्व के बाद होने वाली विभागीय समीक्षा पर टिकी हैं, जिससे इस लंबे समय से लंबित मसले का स्थायी समाधान निकल सके।