Thursday, November 21, 2024
HomePakurमोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण कार्यशाला का आयोजन

मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण कार्यशाला का आयोजन

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

पाकुड़ व्यवहार न्यायालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला स्तरीय मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़, शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर न्यायालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह, सचिव अजय कुमार गुड़िया और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। इसके बाद, श्री सिंह ने एमएसीटी से जुड़े मामलों पर चर्चा की और दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

एमएसीटी मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता

शेष नाथ सिंह ने बताया कि जब भी कोई मोटर दुर्घटना घटित होती है, तो पीड़ित परिवारों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती है। ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियां त्वरित कार्रवाई करें और सभी आवश्यक दस्तावेज संबंधित न्यायालय को समय पर सौंपें, ताकि न्यायिक प्रक्रिया शीघ्रता से शुरू की जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि एमएसीटी मामलों में पुलिस अधिकारियों और मेडिकल टीम की भूमिका अहम होती है, क्योंकि वे पीड़ितों के लिए न्यायिक प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं।

समर्पित और संवेदनशील दृष्टिकोण की जरूरत

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संवेदनशीलता के साथ मामलों की जांच करें और सही समय पर जांच प्रतिवेदन सौंपें। इसके साथ ही, उन्होंने एमएसीटी मामलों की प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरितता बनाए रखने पर जोर दिया। इस कार्यशाला में शामिल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया गया, ताकि वे न्यायिक प्रक्रिया को सरल और पीड़ित हितैषी बना सकें।

इंश्योरेंस कंपनियों की भूमिका

इस कार्यशाला में इंश्योरेंस कंपनियों के अधिवक्ता, सिद्धार्थ शंकर ने भी एमएसीटी से संबंधित मामलों की तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंश्योरेंस कंपनियों की भूमिका भी पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में महत्वपूर्ण होती है, और यह जरूरी है कि वे त्वरित और सही तरीके से अपने दायित्वों को पूरा करें।

उपस्थित अधिकारियों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अजय कुमार गुड़िया, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास, सिविल सर्जन डॉ. मंटू कुमार टेकरीवाल, एसडीपीओ, पैनल अधिवक्ता और एलएडीसीएस के अधिवक्ता समेत सभी थाना के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने एमएसीटी मामलों में अपनी भूमिका के महत्व को समझा और कार्यशाला के दौरान दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने का संकल्प लिया।

कार्यशाला का समापन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष नाथ सिंह के निर्देशों के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों से पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशीलता और त्वरित न्याय की आवश्यकता पर बल दिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments