Thursday, October 31, 2024
HomePakurमुकेश शुक्ला ने पाकुड़ विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उतरने का किया ऐलान

मुकेश शुक्ला ने पाकुड़ विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उतरने का किया ऐलान

देश प्रहरी की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें

पाकुड़। आगामी पाकुड़ विधानसभा चुनाव में 05 पाकुड़ विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने के लिए मुकेश शुक्ला ने अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बुधवार को नाजिर रशीद खरीदी, जो चुनाव लड़ने की औपचारिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर उन्होंने अपने सनातनी धर्म की परंपराओं का पालन करते हुए कोर्टेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का आशीर्वाद लिया और फिर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की।

महादेव के आशीर्वाद से की चुनावी यात्रा की शुरुआत

IMG 20241023 WA0013

मुकेश शुक्ला ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत से पहले कोर्ट परिसर स्थित कोर्टेश्वर महादेव मंदिर में जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा, “हमारे सनातनी धर्म में कोई भी कार्य प्रारंभ करने से पहले भगवान से आशीर्वाद लेना अनिवार्य है। यह हमारी परंपरा है और इसे निभाते हुए मैंने आज महादेव से आशीर्वाद लिया ताकि मेरी चुनावी यात्रा शुभ हो।” इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद, उन्होंने पाकुड़ अनुमंडल न्यायालय जाकर नाजिर रशीद खरीदा, जो उनकी स्वतंत्र और दृढ़ चुनावी मंशा को दर्शाता है।

सनातन धर्म को एकजुट करने का संकल्प

मीडिया से बात करते हुए मुकेश शुक्ला ने जोर दिया कि उनका मुख्य उद्देश्य सनातनी समुदाय को एकजुट करना है। उन्होंने कहा, “हम सनातनियों को सिर्फ वोट देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हमें सत्ता परिवर्तन का हिस्सा बनना होगा। मैं इस चुनाव में खड़ा हुआ हूं ताकि हम सनातनी एकजुट होकर अपनी ताकत दिखा सकें।” शुक्ला का मानना है कि उनके चुनाव मैदान में उतरने से सनातनी समाज को एक नई दिशा मिलेगी, और वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वे इस चुनाव में जीत हासिल करेंगे।

दूसरी पार्टियों पर लगाया उपेक्षा का आरोप

मुकेश शुक्ला ने इस मौके पर अन्य राजनीतिक दलों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “कोई भी पार्टी हमें, सनातनियों को, टिकट देने के लिए उपयुक्त नहीं समझी। यह हमारे लिए अपमान की बात है। हम सिर्फ वोट बैंक नहीं हैं, बल्कि सत्ता परिवर्तन की ताकत भी रखते हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यधारा की पार्टियों ने सनातनी समाज के योगदान को नजरअंदाज किया है, जिससे समाज में नाराजगी बढ़ रही है।

सनातनियों को सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने का वादा

शुक्ला ने आगे कहा कि उनका चुनाव अभियान केवल सनातनी धर्म के लोगों को एकजुट करने और उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी दिलाने के लिए है। “हम सनातनी सिर्फ सरकार बनाने के लिए वोट देने तक सीमित नहीं रहेंगे। हम अब सत्ता में हिस्सेदारी भी मांगते हैं और इसे हासिल करने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे। सत्ता परिवर्तन अब निश्चित है, और हम इसे कर दिखाएंगे।” उनका आत्मविश्वास और सनातनियों के प्रति उनका संदेश चुनावी मैदान में उनके मजबूत इरादों को दर्शाता है।

समर्थकों की भारी उपस्थिति

मुकेश शुक्ला के इस घोषणा के समय उनके साथ नीरज मिश्रा, रंजीत चौबे, चंदन प्रकाश, सुनील सिंह, गुड्डू मल्लिक, अमर सनातनी, रोहित कुमार, राजेश साहा समेत कई दर्जनों सनातनी समर्थक मौजूद थे। सभी ने उनके इस कदम का समर्थन किया और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनावी मैदान में उतरने का वादा किया।

निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे मुकेश शुक्ला

मुकेश शुक्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी पार्टी का टिकट नहीं चाहता। मेरा लक्ष्य साफ है – सनातनी समाज को एक नई दिशा देना और उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी दिलाना। इसके लिए मैं निर्दलीय लड़ाई लड़ूंगा और शत प्रतिशत जीत सुनिश्चित करूंगा।” उनका यह बयान उनके आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को प्रकट करता है।

वोटर्स को दिया सीधा संदेश

मुकेश शुक्ला ने वोटर्स से भी अपील की कि वे इस बार उन्हें मौका दें ताकि वे सनातनी समाज के लिए सही मायने में कुछ कर सकें। उन्होंने कहा, “यह चुनाव केवल जीतने के लिए नहीं है, यह चुनाव सनातनी समाज की शक्ति और एकता का प्रतीक है। अगर आप मुझे मौका देंगे, तो मैं आपके हितों की रक्षा करूंगा और आपको वह सम्मान दिलाऊंगा जिसके आप हकदार हैं।”

पार्टी नहीं, समाज के लिए लड़ेंगे चुनाव

मुकेश शुक्ला का चुनावी अभियान यह साफ संकेत देता है कि वे किसी पार्टी के एजेंडे के तहत नहीं, बल्कि सनातनी समाज के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना है कि वे चुनाव जीतने के बाद भी सनातनी समाज की सेवा करते रहेंगे और उनके अधिकारों की लड़ाई में आगे रहेंगे।

सत्ता परिवर्तन की दिशा में बढ़े कदम

मुकेश शुक्ला का यह कदम सत्ता परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार सनातनी समाज सिर्फ दर्शक नहीं रहेगा, बल्कि सत्ता का हिस्सा बनकर अपना अधिकार हासिल करेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments