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अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल दिसंबर में यूएई पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी।
एक ऐसा मुस्लिम देश जिसने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का साथ दिया। इतना ही नहीं इसने अपने मुल्क में मंदिर बनाने की जगह दी। इसी मुस्लिम देश ने हाल ही में पीएम मोदी को गले लगाया था। लेकिन इस देश को अब धमकी मिल रही है। संयुक्त अरब अमीरात वो मुस्लिम देश है जो मीडिल ईस्ट में भारत का सबसे मजबूत दोस्त माना जाता है। यूएई के राष्ट्रपति शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने पीएम मोदी को फ्रैंडशिप बैंड पहनाई। लेकिन अब एक मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात को धमकी दे रहा है। धमकी देने वाला देश सऊदी अरब है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल दिसंबर में यूएई पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिसंबर 2022 में पत्रकारों के साथ बातचीत में यूएई पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। सऊदी प्रिंस ने ये धमकी ऐसे वक्त में दी जब दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय नीतियों और ओपेक नियंत्रण को लेकर जारी मतभेद चरम पर था। अमेरिकी अखबार के अनुसार खाड़ी क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए सऊदी अरब और यूएई के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है। दोनों देशों के प्रमुख ने पिछले छह महीने से भी अधिक वक्त से एक दूसरे से बातचीत नहीं की है। सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान ने यहां तक कह दिया था कि यह कदम इतना सख्त होगा कि यूएई का हाल कतर से भी बदतर होगा।
सऊदी अरब और यूएई के बीच तनाव का मुख्य कारण मध्य पूर्व में वर्चस्व और ओपेक पर नियंत्रण को लेकर है। यमन और सूडान में दोनों देशों के अलग-अलग हित हैं। जबकि सऊदी अरब की ओर से वैश्विक तेल की कीमतें बढ़ाने की जिद ने यूएई के साथ इस विवाद को और गहरा कर दिया है। इसके अलावा सऊदी अरब ने हाल ही में लगभग 12 साल बाद अरब लीग में सीरिया की वापसी करवाकर सुर्खियां बटोरीं, जिसके लिए यूएई लंबे समय से प्रयास कर रहा था। साथ ही साल की शुरुआत में ईरान के साथ सऊदी अरब के राजनयिक मेल-मिलाप ने भी यूएई को आश्चर्यचकित कर दिया।
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