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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंतत्रा दिवस के दिन इस कार्यक्रम के संयोग को भी रेखांकित किया। ‘रामकथा’ में जुटी भीड़ के सामने सुनक ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, ‘‘बापू, मैं यहां पर एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि हिंदू के तौर पर आया हूं।’’
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार को कहा कि उनकी हिंदू आस्था उनके जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है और उन्हें देश के शासनाध्यक्ष के तौर पर बेहतरीन कार्य करने की प्रेरणा देती है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जीसस कॉलेज में आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू की ‘रामकथा’ चल रही है जिसमें प्रधानमंत्री सुनक ने हिस्सा लिया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंतत्रा दिवस के दिन इस कार्यक्रम के संयोग को भी रेखांकित किया।
‘रामकथा’ में जुटी भीड़ के सामने सुनक ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, ‘‘बापू, मैं यहां पर एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि हिंदू के तौर पर आया हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए आस्था बहुत ही निजी है। यह मेरे जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है। प्रधानमंत्री होना एक बड़े ही सम्मान की बात है लेकिन इस पद पर रहते कर्तव्यों का निवर्हन करना आसान नहीं है। मुश्किल फैसले लेने होते हैं, मुश्किल विकल्पों को आत्मसात करना होता है और मेरी आस्था मुझे देश के लिए काम करने का साहस, ताकत और जुझारूपन देती है। ’’
सुनक (43) ने उस विशेष पल को भी साझा किया जब उन्होंने 2020 में पहले भारतीय मूल के ब्रिटिश चांसलर (वित्त प्रभारी) होते हुए अपने आधिकारिक आवास 11 डाउनिंग स्ट्रीट पर दिवाली के दिन पहली बार दिया जलाया था।
मोरारी बापू की रामकथा में मंच के पार्श्व में लगी भगवान हनुमान की स्वर्णिम तस्वीर का उल्लेख करते हुए सुनक ने कहा कि यह मुझे याद दिलाती है कि ‘‘ कैसे स्वर्णिम भगवान गणेश’’ 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मेरी मेज पर प्रसन्नतापूर्वक विराजमान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे कार्य करने से पहले मुद्दों को सुनने और उन पर विचार करने की निरंतर याद दिलाता है।
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