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मो. महमूद आलम/नालंदा. बिहारशरीफ लक्ष्य कार्यक्रम में सफलता के लिए करीब 3 साल की मेहनत अब रंग लाई है. लक्ष्य कार्यक्रम को लेकर सदर अस्पताल स्थित लेबर रूम की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा था. ताकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणीकरण किया जा सके. इस कार्यक्रम के तहत लेबर रूम की पूरी व्यवस्था में गुणात्मक सुधार किया जाना था. आखिरकार अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत रंग लाई और 3 साल बाद लक्ष्य के तहत नेशनल सर्टिफिकेशन दिलाने में सफलता मिली है.
राष्ट्रीय स्तर पर यह पहली और बड़ी सफलता मानी जा रही है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली द्वारा लेटर जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. सबसे बड़ी बात है कि सर्टिफिकेशन होने के बाद आगे भी क्वालिटी में सुधार के लिए सदर अस्पताल को तीन साल तक 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे. सीएस डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेशन कराने में चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है. लेकिन जिस गुणवत्ता के लिए प्रमाणीकरण किया गया है, उसे बरकार रखना होगा. इसके लिए छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देना होगा. लक्ष्य को सफल बनाने के लिए बीते एक माह से काफी प्रयास किया जा रहा था. स्टेट टीम द्वारा बताई गई कमियों को पूरा करने के लिए दिन रात काम किया था जिसका परिणाम आज सामने आया है.
क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ. लवली ने बताया कि हमने 98% स्कोर के साथ प्रमाणीकरण के लिए नेशनल टीम को आमंत्रित किया था. 12 जुलाई को नेशनल टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था. इसके बाद 84% स्कोर के साथ सदर अस्पताल के लेबर रूम का प्रमाणीकरण किया गया है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सीएस , डीपीएम , डॉ. कुमकुम , स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत कुमार, लेखापाल सुरजीत कुमार, डॉ. संजय महापात्रा, अस्पताल प्रबंधक खुशबू कुमारी व लेबर रूम में प्रतिनियुक्त सभी जीएनएम, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का बहुत बड़ा सहयोग रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 06, 2023, 10:31 IST
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