पश्चिम बंगाल के फरक्का स्थित थाना पाड़ा में काली पूजा समिति के तत्वावधान में आयोजित ‘नर सेवा नारायण सेवा’ कार्यक्रम में समाजसेवी लुत्फ़ल हक ने समाज के प्रति अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर लुत्फ़ल हक ने एक भावुक वक्तव्य में कहा, “पेट की भूख ने जिंदगी के हर रंग दिखा दिए मुझे। जो अपना बोझ नहीं उठा सकते, पेट की भूख ने उन्हें पत्थर भी उठवा दिए।” इस कार्यक्रम में लुत्फ़ल हक ने अपने हाथों से सैकड़ों जरूरतमंदों को भोजन परोसा और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया।
सैकड़ों लोगों को भोजन वितरण
‘नर सेवा नारायण सेवा’ के तहत करीब साढ़े चार हजार लोगों को भोजन वितरित किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से जरूरतमंद लोगों के लिए आयोजित किया गया था, और इसमें शामिल होकर लुत्फ़ल हक ने सेवा का परिचय दिया। उन्होंने समाज के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हुए कहा कि अधिकतर लोग अपने परिवार के लिए जीते हैं, लेकिन अगर जीना ही है तो दूसरों के लिए भी जिया करें। इस विचार के तहत उन्होंने समाज में साम्प्रदायिक सद्भावना का संदेश दिया।
सांप्रदायिक एकता का संदेश
लुत्फ़ल हक ने अपने संदेश में सांप्रदायिक एकता पर जोर देते हुए कहा कि जैसे हम ईद और बकरीद मनाते हैं, वैसे ही हमें दुर्गा पूजा, काली पूजा और क्रिसमस (बड़ा दिन) भी मिल-जुलकर मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम खाली हाथ इस दुनिया में आए हैं और खाली हाथ ही जाएंगे, इसलिए जो भी समय है, उसे समाज सेवा में लगाना चाहिए। उनका यह संदेश सभी वर्गों को साथ लेकर चलने और एकता का प्रतीक माना जा रहा है।
समाजसेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान
लुत्फ़ल हक को उनकी समाजसेवा के लिए देश और विदेश में कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। लंदन, सिंगापुर, मलेशिया और दुबई में उन्होंने अपनी सेवाओं के लिए अवार्ड प्राप्त किए हैं। भारत में भी मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में उन्हें सम्मानित किया गया है। उनकी समाजसेवा का क्षेत्र केवल पाकुड़ जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पश्चिम बंगाल के फरक्का और शमसेरगंज में भी सेवा कार्यों का आयोजन करते रहते हैं।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में फरक्का विधायक मानिरुल इस्लाम, फरक्का थाना प्रभारी निरुतपल मिश्रा, और ‘नर सेवा नारायण सेवा’ के अध्यक्ष रबीउल आलम जैसे कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित थे। इनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमा प्रदान की।
इस प्रकार, समाजसेवा के क्षेत्र में लुत्फ़ल हक का योगदान अतुलनीय है और उन्होंने अपने संदेश के माध्यम से समाज में एकता, सेवा और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। उनके विचारों और कर्मों से प्रेरणा लेकर अन्य लोग भी समाजसेवा के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।