स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की बैठक
पाकुड़। समाहरणालय स्थित कार्यालय प्रकोष्ठ में उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य जिले में संचालित स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के द्वितीय चरण के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करना और आगामी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना था।
स्वच्छता प्रबंधन में प्राथमिकता के निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने पंचायत भवनों, बालिका विद्यालयों, और आंगनबाड़ी केंद्रों में 10 फरवरी तक माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के तहत भस्मक निर्माण कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रामीण हाट बाजारों में कचरा पेटी स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि ठोस कचरे का उचित प्रबंधन हो सके।
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ओडीएफ प्लस मॉडल गांव बनाने पर जोर
उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का प्रमुख उद्देश्य गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाए रखना और ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन के माध्यम से सम्पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य प्राप्त करना है। उन्होंने जिले के शेष 172 गांवों को जल्द से जल्द ओडीएफ प्लस घोषित करने का निर्देश दिया।
वित्तीय योजनाओं की समीक्षा और निर्देश
बैठक में 2024-25 के लक्ष्यों की प्राप्ति और 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15वें वित्त आयोग, मनरेगा, और अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से स्वच्छता संरचनाओं का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कार्यों के भौतिक सत्यापन और स्थल निरीक्षण को अनिवार्य करने का निर्देश भी दिया।
स्वच्छता प्रबंधन के छह घटकों पर चर्चा
बैठक में ओडीएफ प्लस के छह प्रमुख घटकों पर गहन चर्चा की गई। ये घटक हैं:
- खुले में शौच मुक्त की स्थायित्व बनाए रखना
- ठोस कचरा प्रबंधन
- तरल कचरा प्रबंधन
- गोबर-धन योजना
- प्लास्टिक कचरा प्रबंधन
- सुरक्षित माहवारी प्रबंधन एवं मलीय कचरा प्रबंधन
अबुआ आवास योजना और शौचालय योजना
उपायुक्त ने अबुआ आवास योजना के तहत सभी लाभुकों को शौचालय योजना से आच्छादित करने का निर्देश दिया। यह सुनिश्चित किया गया कि हर घर में स्वच्छता की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों।
अभिसरण और आपसी समन्वय का निर्देश
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता संरचनाओं के निर्माण के लिए टाइड फंड का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में शामिल अधिकारी और उनकी भूमिकाएं
इस समीक्षात्मक बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इनमें उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रीतिलता मुर्मू, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समन्वयक सुमन कुमार मिश्रा, प्रभारी डीपीएम ई-पंचायत आनंद प्रकाश, और सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा सहायक/कनीय अभियंता शामिल थे। इन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की प्रगति पर जानकारी दी और आगामी कार्यों की योजना पर विचार-विमर्श किया।
ग्रामीण स्वच्छता को नई दिशा देने का प्रयास
यह बैठक स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छता की नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समर्पित होकर काम करें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाना है।