पाकुड़ । आप माने या ना माने किंतु कुदरत का करिश्मा के आगे सब फैल है। कई बार तर्क वितर्क होते हैं किंतु इसका सटीक जवाब नहीं मिलता।
ताजा मामला है प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर गांव का, जहां आबाद अली के घर में एक नीम के वृक्ष से अचानक 20 फरवरी से ऊपर की ओर से तरल पदार्थ रिसाव हो रह हैं। इस रिसाव की कहानी आस पास के लोगों तक जब पहुंचा तो गांव मोहल्ले के लोग यह करिश्माई, यूं कहें कि चमत्कार देखने के लिए वहां इकट्ठा हो गए।
लोगों ने पाया कि नीम के वृक्ष से के ऊपरी भाग से खजूर या ताड़ के वृक्ष के तरह एक स्थान से दूधिया जैसे या कहें कि नारियल के पानी की तरह जल टपक रहा है। किसी ने पिया या नहीं इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है। किंतु गांव वालों ने बताया नीम का वृक्ष से जल पिछले 20 फरवरी से रिसाव हो रहा है। लोग लोटा गिलास बोतल में भरकर ले जा रहे हैं और इसे चख कर भी देख रहे हैं। लोगों की माने तो इसका पानी कुछ तीखा और कुछ मीठा है। जैसा कि नारियल के पानी में स्वाद होता है।
भवानीपुर गांव के आबाद अली कहते हैं कि हमने पानी तो नहीं पिया पर यह जल में मिठास है। गांव वालों की माने तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है? तो किसी ने इसे भूत प्रेत का साया तो किसी ने इसे ईश्वर का देन बताया।
यदि वैज्ञानिक स्तर पर बात करें तो वृक्षों में यह कार्य होते रहता है इसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं। किंतु इस प्रकार से रसायनिक परिवर्तन कि दिन भर जल का रिसाव लगातार होते रहे यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। ताड़ और खजूर के वृक्ष में रिसाव होना उनके स्वाभाविक गुण है। किंतु नीम के वृक्ष से इस प्रकार से रिसाव होना नीम के वृक्ष का यह स्वाभाविक गुण नहीं है।
अब देखना होगा कि आखिर इस नीम के वृक्ष से अचानक दूधिया जल का रिसाव लगातार किस प्रकार हो रहा है और उसकी असली वजह क्या है? बिना किसी अनुसंधान के इसका सटीक जवाब देना उचित नहीं होगा।
फिलहाल नीम के वृक्ष से लगातार जल के रिसाव गांव में कुतुहल का विषय बना हुआ है। लोग इसे देखने के लिए गांव पहुंच रहे हैं।