पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पाकुड़ शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा और उनके लिए उपलब्ध कानूनी सेवाओं की जानकारी को साझा करना था।
मानसिक और बौद्धिक विकलांगता पर फोकस
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत योजना 2024 का परिचय दिया गया, जिसमें मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू कानूनों, नीतियों और योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया। सचिव अजय कुमार गुड़िया ने इस दौरान नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों को इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन व्यक्तियों को न्याय दिलाने और उनके अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना अनिवार्य है।
नवगठित कानूनी सेवा इकाई का प्रशिक्षण
कार्यक्रम में नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों को विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें यह बताया गया कि मानसिक और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों की सहायता करने के लिए किस प्रकार के कानून और योजनाएं उपलब्ध हैं। इन सदस्यों को विशेष रूप से जागरूक किया गया कि वे पीड़ित व्यक्तियों की सहायता करते समय कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें और उनकी समस्याओं का समाधान करने में अपनी भूमिका निभाएं।
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सचिव ने दिया धन्यवाद ज्ञापन
सचिव अजय कुमार गुड़िया ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी प्रतिभागियों और आयोजन टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम कानूनी सेवा प्रदाताओं को सशक्त करते हैं और उन्हें समाज के जरूरतमंद वर्ग के लिए बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के प्रमुख की भागीदारी
कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के प्रमुख सुबोध कुमार दफादार ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने प्रतिभागियों को कानूनी सेवा और सहायता प्रणाली की कार्यक्षमता को और बेहतर बनाने के लिए अपने विचार साझा किए। उनकी भागीदारी ने कार्यक्रम को और भी समृद्ध बनाया।
सफल आयोजन का समापन
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर नवगठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागियों को कानूनी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम करने के लिए प्रेरित भी किया।
यह कार्यक्रम मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना नहीं था, बल्कि कानूनी सेवा प्रदाताओं को कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना भी था। इस आयोजन की सफलता ने समाज के जरूरतमंदों के लिए न्याय की पहुंच को और सुलभ बनाने की दिशा में उम्मीद की नई किरण जगाई है।