पाकुड़। शिक्षा के स्तर को मजबूत करने और विद्यार्थियों के सीखने की क्षमता में सुधार लाने के उद्देश्य से पीरामल फाउंडेशन द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के 25 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक शामिल हुए।
बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार पर विशेष जोर
कार्यशाला के दौरान प्रधानाध्यापकों को बताया गया कि बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार कैसे किया जा सकता है। इसके लिए नवाचार तकनीकों का उपयोग करने, कक्षा में बच्चों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें संख्यात्मक और साक्षरता कौशल में दक्ष बनाने पर जोर दिया गया।
प्रशिक्षकों ने समझाया कि कक्षा में रोचक गतिविधियों और प्रायोगिक शिक्षण विधियों को अपनाकर छात्रों की सीखने की गति को बेहतर किया जा सकता है।
विज्ञापन
स्कूल प्रबंधन समिति और स्टेकहोल्डर बैठकों पर जोर
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने की सलाह दी गई। साथ ही, अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मासिक बैठकों के महत्व पर चर्चा की गई।
इस दौरान शिक्षकों को बताया गया कि अभिभावकों को स्कूल प्रक्रिया में शामिल करना बेहद जरूरी है, जिससे वे अपने बच्चों की शिक्षा और उपस्थिति को लेकर अधिक जागरूक हो सकें।
ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान और उपस्थिति बढ़ाने की योजना
कार्यशाला में ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान करने और उन्हें दोबारा स्कूल से जोड़ने के उपायों पर विशेष चर्चा की गई। प्रधानाध्यापकों को अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) आयोजित करने और अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा की महत्ता समझाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इसके अलावा, छात्रों की स्कूल में उपस्थिति को 100% तक सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर विचार किया गया।
बच्चों के पंजीकरण में वृद्धि और बाल संसद को सक्रिय करने पर जोर
शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे बच्चों के नामांकन और पंजीकरण में वृद्धि करें, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इसके साथ ही, बाल संसद के सदस्यों को सक्रिय रूप से स्कूल गतिविधियों में शामिल करने और उन्हें छात्र नेतृत्व विकास के लिए प्रेरित करने पर भी बल दिया गया।
मोहल्ला क्लास पंचायत स्तर पर शुरू करने की योजना
शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मोहल्ला क्लास को पंचायत स्तर तक विस्तारित करने की योजना पर चर्चा की गई। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को अतिरिक्त सीखने का अवसर प्रदान करना और उन बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं आ पाते।
कार्यशाला में मौजूद प्रशिक्षक और अधिकारी
इस कार्यशाला में पीरामल फाउंडेशन के प्रशिक्षक मोना प्रेरणा सुरीन, मीना कुमारी, फेलो राहुल कुमार, जितेंद्र विष्ट, बीईईओ अभिताभ झा और बीपीओ आतिश भट्टाचार्य सहित कई अन्य शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थे।
सभी ने इस कार्यशाला को शिक्षा के स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और प्रधानाध्यापकों को इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
यह कार्यशाला शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और छात्रों की अधिगम क्षमता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे पाकुड़ जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा।