Friday, January 17, 2025
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नब्बे दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन: बाल विवाह और घरेलू हिंसा पर विशेष फोकस

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उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवीनगर में जागरूकता कार्यक्रम

पाकुड़। झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पाकुड़ के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डीएलएसए, शेष नाथ सिंह के निर्देश और सचिव अजय कुमार गुड़िया के मार्गदर्शन में उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवीनगर में नब्बे दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत पीएलवी अमूल्य रत्न रविदास और एजारूल शेख ने छात्रों को कानूनी जानकारी प्रदान की।

कानूनी मुद्दों पर जागरूकता अभियान
कार्यक्रम में बाल विवाह को एक अभिशाप बताते हुए इसके नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला गया। साथ ही, डायन प्रथा और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों के प्रति छात्रों को जागरूक किया गया। छात्रों को यह समझाया गया कि समाज में इन कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए सकारात्मक सोच और कानूनी उपायों का सहारा लेना आवश्यक है।

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निशुल्क कानूनी सहायता पर जानकारी
डीएलएसए के तहत मिलने वाली निशुल्क कानूनी सहायता के महत्व पर चर्चा की गई। छात्रों को यह जानकारी दी गई कि जरूरत पड़ने पर वे डीएलएसए से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को यह भी बताया गया कि वे अपने अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकते हैं और कानूनी लाभों का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

पाकुड़िया प्रखंड में जागरूकता अभियान
पाकुड़िया प्रखंड के मोगलाबांध क्षेत्र में पैरा लीगल वॉलंटियर (पीएलवी) सीमा साहा ने लोगों को विभिन्न सामाजिक और कानूनी मुद्दों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने ग्रामीण समुदायों को कानूनी प्रावधानों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

आवेदन और योजनाओं से संबंधित सहायता
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पैरा लीगल वॉलंटियर्स की टीम लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। इस दौरान, विभिन्न कानूनी लाभ और योजनाओं से संबंधित आवेदन भी पीएलवी द्वारा लिया जा रहा है। यह पहल समाज के वंचित वर्ग को न्याय दिलाने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से चल रही है।

नब्बे दिवसीय आउटरीच सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम ने बाल विवाह, डायन प्रथा, और घरेलू हिंसा जैसे सामाजिक मुद्दों पर समाज को जागरूक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पहल के माध्यम से न केवल छात्रों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी कानूनी अधिकारों और योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

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