पाकुड़। जिला समाज कल्याण शाखा के तत्वाधान में “पोषण भी, पढ़ाई भी” विषय पर एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला सूचना भवन सभागार, पाकुड़ में आयोजित हुआ, जिसमें पाकुड़ और हिरणपुर बाल विकास परियोजना की कुल 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडियस बाड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण में तत्परता और गंभीरता से भाग लेने का निर्देश दिया। उन्होंने सेविकाओं को अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बेहतर कार्य-दायित्व निर्वहन के लिए प्रेरित किया। साथ ही, प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों और उसमें शामिल विभिन्न सत्रों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
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मास्टर ट्रेनर द्वारा विशेष प्रशिक्षण
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम NIPCCD द्वारा प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर के माध्यम से आयोजित किया गया। मास्टर ट्रेनर टुसुमुनी मुर्मु, जो हिरणपुर परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका हैं, ने सेविकाओं को तीन दिवसीय सत्रों के दौरान प्रशिक्षण दिया। इन सत्रों में आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण, शिक्षा और बच्चों के सर्वांगीण विकास से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
500 आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए दीर्घकालिक प्रशिक्षण योजना
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 दिसंबर, 2024 से 2 जनवरी, 2025 तक चलने वाला है। कार्यक्रम के अंतर्गत जिलान्तर्गत सभी परियोजनाओं के कुल 500 आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक बैच के लिए प्रशिक्षण तीन दिवसीय स्तर पर आयोजित किया गया है, ताकि सेविकाएं पूरे विषय को गहराई से समझ सकें और अपने क्षेत्र में इसे प्रभावी रूप से लागू कर सकें।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में सभी का योगदान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन में समाज कल्याण शाखा और जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मियों की अहम भूमिका रही। इसमें मो. अनीस अंसारी, पीसीआई, मोना प्रेरणा सुरीन (पिरामल फाउंडेशन) और अन्य अधिकारियों ने विशेष योगदान दिया। उनकी सामूहिक मेहनत से कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ और सेविकाओं को नई जानकारियां और कौशल प्राप्त करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम का महत्व और प्रभाव
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आंगनबाड़ी सेविकाओं को उनकी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझने और उन्हें बच्चों के पोषण और शिक्षा में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके माध्यम से न केवल सेविकाओं का कौशल बढ़ेगा, बल्कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास में भी सुधार होगा।
भविष्य के लिए सकारात्मक दिशा
ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज की जड़ों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। “पोषण भी, पढ़ाई भी” विषय पर आधारित यह पहल आने वाले समय में बच्चों और उनके परिवारों के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।