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अभिषेक रंजन/ मुजफ्फरपुर : भारत धर्म और आस्था का देश है, मंदिरों से लोगोंकी आस्था होती है.कई मंदिर तो इतनेशक्तिशाली हैं जो आपकीसभी मनोकामना को पूरी कर देताहै. मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के सरैया गांव का संत बाबा मंदिर की महिमा भी कुछ ऐसी ही है. इस मंदिर में साफ दिल से जिसने जो भी मांगा उसकी हर मुराद पूरी हुई. इस मंदिर में भगवान को चढ़ने वाला प्रसाद भी विशेष है. मंदिर में संत बाबा नाम के एक साधु की समाधी भी है. मान्यता है की संत बाबा को आटा में घी और गुड़ मिला के बना रोट बेहद प्रिय था.
संता बाबा ने सरैया गांव को तब बचाया था संकट से
सरैया गांव के ही शानू कुमार बताते हैं कि संत बाबा वर्षो पहले तप तपस्या कर के सकरा प्रखंड के सरैया गांव में मौजूद शिव मंदिर में पहुंचे. संत बाबा ने गांव ने शिव मंदिर में निवास लिया और बाबा के पूजा में लीन रहने लगे.ग्रामीणों पर संत बाबा की विशेष कृपा होनी शुरू हुई.इसी बीच संत बाबा ने बताया की सकरा प्रखंड के इस सरैया गांव में बहुत बड़ा संकट आने वाला है.
संत बाबा ने कहा इस संकट को टालने के लिए उन्हें समाधि लेनी पड़ेगी.उस समय संत बाबा ने ग्रामीणों के सामने जिंदा समाधि ले लिया. संत बाबा ने अपने साधना से अपने प्राण त्याग दिए और गांव पर आने वाला संकट टल गया. तब से इस मंदिर के अहाते में संत बाबा की समाधि है और भक्त इसी समाधि पर संत बाबा को उनका प्रिय भोजन रोट चढ़ाते है.
गांव पर बाबा संत पुरी जी महाजार की विशेष कृपा
ग्रामीण और मंदिर में सेवक विनीत कुमार बताते हैं कि इस गांव पर बाबा संतपुरी जी महाराज की विशेष कृपा है.मंदिर में मौजूद समाधि पर ग्रामीण पूजा-पाठ करते है और साथ ही इसके हर साल आषाढ़ महीना में एक विशाल रोट मेला भी लगता है. इस रोट मेला में हजारों की संख्या में लोग मंदिर पर इकट्ठा होते हैं.संतपूरी बाबा को रोट चढ़ाते हैं.
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Tags: Bihar News, Local18, Muzaffarpur news
FIRST PUBLISHED : July 05, 2023, 22:46 IST
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